बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शिलान्यास, मोदी बोले- जापान जैसा दोस्त नहीं मिल सकता

Last Updated 14 Sep 2017 10:27:47 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने आज अहमदाबाद में भारत की पहली बुलेट ट्रेन की नींव रखी.


मोदी और आबे ने रखी बुलेट ट्रेन की नींव

इसके साथ ही देश में हवा से बातें करने वाली उच्चगति की रेलसेवा की शुरुआत की उल्टी गिनती शुरू हो गयी.

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं भारत के लोगों को बधाई देता हूं क्योंकि हमने बुलेट ट्रेन के पुराने सपने को सच करने के लिए एक साहसी कदम उठाया.' उन्होंने कहा कि जब पहले मैंने बुलेट ट्रेन के बारे में बात की थी तो वे (विपक्ष) कहते थे कि यह बहुत बड़ी बात है और अब जब यह आ गई तो वे कहते हैं कि इसकी क्या जरुरत है.  प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान जैसा कोई दोस्त नहीं मिल सकता. जापान ऐसा मित्र है जिसने 0.1 फीसदी के ब्याज पर 88,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया. बुलेट ट्रेन जापान की ओर से भारत के लिए एक बड़ा तोहफा है.

इससे पहले आबे ने कहा, मजबूत भारत जापान के हित में है और मजबूत जापान भारत के हित में है. भारत-जापान साझेदारी खास, रणनीतिक और वैश्विक है. उन्होंने कहा, 'मेरे अच्छे मित्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दूरद्रष्टा नेता हैं. उन्होंने दो वर्ष पहले हाई-स्पीड ट्रेन को भारत में लाने और नया भारत बनाने का फैसला लिया था. कुछ वर्षो में जब मैं यहां वापस आऊं तो आशा करता हूं कि बुलेट ट्रेन की खिड़कियों से भारत के सुन्दर नजारे देखूंगा.' 

अहमदाबाद के साबरमती स्थित रेलवे के एथलेक्टिस स्टेडियम में आयोजित एक भव्य समारोह में दस हजार से अधिक लोगों के समक्ष दोनों प्रधानमंत्रियों ने यहां बनने वाले मुख्य स्टेशन, यार्ड और वडोदरा में निर्मित होने वाले हाईस्पीड रेल ट्रैक प्रशिक्षण संस्थान के निर्माण की आधारशिला पट्टिका का अनावरण किया.

इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल ओ पी कोहली, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, रेल मंत्री पीयूष गोयल, रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, विदेश सचिव एस जयशंकर, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी और विदेश मंत्रालय और रेलवे बोर्ड के शीर्ष अधिकारी तथा जापान सरकार के मंत्री और अधिकारी उपस्थित थे. मुख्य मंच के बगल में बने मंच पर रंगारंग कार्यक्रम पेश किये गये. बॉलीवुड गायिका ऐश्वर्या मजूमदार ने कई फिल्मी गीत पेश करके उपस्थित जनसमूह का मनमोह लिया.

इस मौके पर फणनवीस ने कहा कि यह बुलेट ट्रेन परियोजना की नहीं बल्कि नये भारत की नींव रखी गयी है. इसका गुजरात और महाराष्ट्र के लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. दोनों राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होगी. रूपाणी ने अपने संबोधन में कहा कि यह मोदी की दूरदृष्टि का परिणाम है इससे ना केवल गुजरात बल्कि देश का विकास होगा. उन्होंने मोदी और आबे का गुजरात की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया. पूरे गुजरात में बुलेट ट्रेन को लेकर बहुत उल्लास और उत्साह का माहौल है. सभी आय वर्गों के लोग बुलेट ट्रेन को जल्द से जल्द देखने को उत्सुक हैं.

रेल मंत्री गोयल ने इसे देश के लिये हर्ष की अवसर बताते हुए कहा कि बुलेट ट्रेन दो मित्र देशों भारत और जापान के बीच संबंधों में भाईचारे का प्रतीक होगी. यह प्रधानमंत्री मोदी के ‘न्यू इंडिया’ के सपने को पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि गांधी जी की कर्मभूमि साबरमती में इस परियोजना का शुभारंभ होना गौरव की बात है जिनके जीवन में रेल के कारण ही बदलाव आया और नस्लीय भेदभाव की ट्रेन ने उन्हें समानता एवं स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने की प्रेरणा मिली.

गोयल ने कहा कि भारतीय रेल दुनिया की आधुनिकतम तकनीक से जुड़ेगी और देश की आर्थिक तरक्की को और गति देगी. करीब 160 साल पुरानी भारतीय रेल का विगत चार पांच दशकों से तकनीक विकास जरूरत के मुताबिक नहीं हो पाने से अनेक संकटों में घिरी है. देश में शिन्कान्सेन तकनीक आने से भारतीय रेलवे तेजी से आगे बढ़ेगी. प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से भारत में मेक इन इंडिया के माध्यम से सस्ती बुलेट ट्रेनें बनेंगी जिन्हें निर्यात करके पैसा कमाया जा सकेगा. बुलेट ट्रेन की लागत में कमी आने से उस तकनीक से भारतीय रेल नेटवर्क को भी उन्नत बनाया जा सकेगा. इस प्रकार से यह परियोजना भारतीय रेलवे की शक्लो-सूरत बदलने वाली परियोजना है.

उच्च गति- राष्ट्र की प्रगति के ध्येय वाक्य से शुरू हुई इस परियोजना की लागत करीब एक लाख आठ हार करोड़ रुपये होगी जिसके लिये जापान सरकार ने महा 0.1 प्रतिशत के ब्याज पर 50 साल की अवधि के लिये लगभग 88 हार करोड़ रुपए का ऋण दिया है. इस 508 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के शिलान्यास के साथ रेललाइन के लिये भूमि अधिग्रहण शुरू हो जाएगा और स्टेशन, यार्ड और प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण आरंभ हो जाएगा. अगले साल के मध्य तक पूरी परियोजना का समग्र निर्माण शुरू होगा. पूरे मार्ग में 92 प्रतिशत यानी 468 किलोमीटर मार्ग एलिवेटेड, छह प्रतिशत यानी 27 किलोमीटर सुरंग और दो प्रतिशत यानी 13 किलोमीटर भूमि पर होगा.

सूत्रों के अनुसार, प्रशिक्षण संस्थान 2020 के अंत तक काम करना शुरू कर देगा और अगले तीन साल में चार हार कर्मियों को परिचालन और अनुरक्षण में प्रशिक्षित करेगा. सिम्युलेटर आदि अत्याधुनिक यंत्रों से सुसज्जित यह प्रशिक्षण संस्थान मानव संसाधन विकास के लिये विदेशों पर निर्भरता को दूर करेगा. इसमें देश में डायमंड चतुर्भुज हाईस्पीड कॉरीडोरों के विकास के लिये भी प्रशिक्षण जरूरतें पूरी की जायेंगी.

सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना के लिये भारतीय रेलवे के 300 युवा अधिकारी जापान में हाईस्पीड ट्रैक प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण ले रहे हैं. जापान की सरकार ने भी मानव संसाधन विकास की जरूरतों को देखते हुये अपने देश के विश्वविद्यालयों में भारतीय रेलवे के अधिकारियों के लिये मास्टर्स प्रोग्राम के लिये 20 सीट प्रतिवर्ष आरक्षित की है.

बुलेट ट्रेन परियोजना को मेक इन इंडिया कार्यक्रम से भी जोड़ा गया है. जापान इसके लिये प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी करेगा. इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर 2023 तय किया गया था लेकिन प्रधानमंत्री ने इसके लिये 15 अगस्त 2022 की नयी समयसीमा निर्धारित की है ताकि देश की आादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश को यह नयी सौगत पेश की जा सके. इस परियोजना में तकरीबन 4000 लोगों को प्रत्यक्ष और 20 हजार लोगों को परोक्ष रोजगार मिलेगा जबकि निर्माण कार्य में भी 20 हार से अधिक कामगारों को रोजगार हासिल होगा.

जापान के प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी आकी आबे भारत की दो दिन की यात्रा पर बुधवार को यहां पहुंचे जहां प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ कर सरदार पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की. इसके बाद मोदी और आबे दंपत्ति खुली जीप में सवार हो कर रोड शो करते हए हवाई अड्डे से साबरमती नदी के तट पर स्थित गांधी आश्रम पहुंचे. अहमदाबाद की सड़कों पर उमड़े जनसमूह के उत्साह से मेहमान नेता अभिभूत दिखे. शाम को भारतीय परिधान में सजे धजे जापानी प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी ने मोदी के साथ विश्व धरोहर सिद्दी सैयद की जाली मस्जिद का भ्रमण किया.

शिलान्यास समारोह के बाद दोनों नेता गांधीनगर में दांडी कुटीर संग्रहालय का भ्रमण करेंगे और फिर महात्मा मंदिर कन्वेशन सेंटर में 12वीं भारत जापान वार्षिक शिखर बैठक में भाग लेंगे. दोपहर बाद दोनों नेता भारत जापान बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे. शाम को मुख्यमंत्री रूपाणी जापानी मेहमानों के सम्मान में भोज देंगे और देर रात आबे टोक्यो के लिये रवाना हो जाएंगे.

 

 

समयलाइव डेस्क/वार्ता


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