ब्रिटिश काल के रोडरोलर को पटना संग्रहालय में किया संरक्षित

Last Updated 01 Jul 2024 11:29:36 AM IST

पटना संग्रहालय परिसर में लगभग 18 महीने से जंग खा रहे ब्रिटिश काल के ‘रोडरोलर’ को पथ निर्माण विभाग के प्राधिकारियों ने संरक्षित कर लिया है।


इंग्लैंड के लीड्स में ‘जॉन फाउलर एंड कंपनी’ द्वारा निर्मित लगभग एक सदी पुराना भाप चालित यह रोडरोलर लगभग दो साल पहले तक पटना जिला बोर्ड के कब्जे में था और अब ध्वस्त हो चुके पटना समाहरणालय के एक कोने में पड़ा था। इसे 24-25 अगस्त, 2022 की मध्यरात्रि में पटना संग्रहालय में लाया गया था।

पटना समाहरणालय पुनर्विकास परियोजना के तहत 2022 में समाहरणालय की पुरानी इमारतों को ध्वस्त किए जाने के बाद जिला बोर्ड ने इस रोडरोलर को संग्रहालय को दान कर दिया था ताकि इसे ‘अनमोल वस्तु’ के रूप में प्रदर्शन के लिए रखा जा सके।

संग्रहालय के प्राधिकारियों ने शुरू में इसके रखरखाव और जीर्णोद्धार में रुचि दिखाई, लेकिन कुछ महीनों बाद ही यह रोडरोलर सरकारी प्राधिकारियों की उदासीनता का शिकार हो गया जबकि यह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय था और लोग इसके साथ सेल्फी लेने को आतुर थे।

संग्रहालय के परिसर में लंबे समय तक खुले आसमान के नीचे पड़े रहने के कारण इस रोडरोलर के आस-पास उगे पौधों ने इसके विशाल पहियों को ढक लिया तथा पिछले साल मानसून की बारिश ने इसके पुराने ढांचे को और भी जर्जर कर दिया जिससे इसकी चिमनी क्षतिग्रस्त हो गई और मशीन से अलग हो गई।

पथ निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘यह दुर्लभ वस्तु है जो सड़क निर्माण के शुरुआती युग की कहानी कहती है। पटना संग्रहालय से इसे विभाग की केंद्रीय यांत्रिक कार्यशाला में लाया गया जहां इसे एक शेड के नीचे एक ऊंचे मंच पर रखा गया है।’

उन्होंने कहा, ‘अभियंताओं की एक टीम ने इसके पुनरुद्धार पर काम किया तथा इसकी आवश्यक देखभाल और रखरखाव किया।’ उन्होंने कहा कि रोडरोलर पर लगी जंग की परत को साफ कर दिया गया है तथा उसे काले रंग से रंगा गया है तथा इसकी चिमनी को भी ठीक कर दिया गया है।

कोलकाता स्थित परिवहन विरासत विशेषज्ञ अभिषेक रे ने कहा कि यह रोडरोलर पटना शहर की शुरुआती सड़कों के निर्माण की कहानी बताता है। उन्होंने कहा, ‘यह इतिहास की ऐसी दुर्लभ वस्तु है जिसे संरक्षित और प्रदर्शित करना किसी भी संग्रहालय के लिए गर्व की बात है लेकिन पटना संग्रहालय दान की गई एक वस्तु को भी संरक्षित करने के अपने कर्तव्य में विफल रहा।’

उन्होंने कहा कि हालांकि बिहार सरकार और पथ निर्माण विभाग के वे लोग ‘पूरी प्रशंसा के पात्र हैं’ जिन्होंने रोडरोलर को सम्मान दिया। भारत और ब्रिटेन के विरासत विशेषज्ञों ने रोडरोलर के पटना संग्रहालय में खराब रखरखाव पर पिछले साल अफसोस जताया था और संग्रहालय के अधिकारियों से तत्काल इसके संरक्षण की अपील की थी।

भाषा
पटना


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