बढ़ रहे कंजक्टिवाइटिस के मरीज
इन दिनों नेत्र रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है, इनमें कई मरीज कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित होकर आ रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ के अनुसार पिछले 15 दिनों में कंजक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या बहुत बढ़ी है।
बढ़ रहे कंजक्टिवाइटिस के मरीज |
कंजक्टिवाइटिस की संख्या बढ़ने के पीछे बदलता मौसम प्रमुख वजह है। गर्मी और उमस के चलते वायरस में म्यूटेशन की संभावना भी अधिक होती है। इसके चलते आंखों में संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़े हैं।
सहारा हास्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.नितिन मित्तल (Dr. Nitin Mittal, Ophthalmologist, Sahara Hospital) ने बताया कि यह एक संक्रामक बीमारी है। इससे बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आमतौर पर कंजक्टिवाइटिस जैसे संक्रमण को ठीक होने में एक-दो सप्ताह लगते हैं।
गर्मी और उमस के चलते वायरस में म्यूटेशन की संभावना
हालांकि, इस बार लोगों को ज्यादा ड्राप्स देने की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने बताया कि कंजक्टिवाइटिस के लक्षण दिखने पर बच्चों को स्कूल न भेजें। लोगों को कार्यालय जाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे अन्य लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
कंजक्टिवाइटिस के मरीजों को 3-5 दिनों के लिए आइसोलेट होने की सलाह दी जाती है। इससे मरीजों की संख्या बढ़ने से भी रोका जा सकता है। उन्होंने कहा, अगर घर का कोई सदस्य इस संक्रमण की चपेट में है तो एक सप्ताह के लिए उसके कपड़े, तकिया, रूमाल और बर्तन अलग कर देना चाहिए। कंजक्टिवाइटिस का सबसे आम लक्षण आंखों का लाल होना है। इसके अलावा आंखों में खुजली, जलन और अधिक पानी बहने की समस्या भी होती है।
मरीज फोटो-सेंसिटिव हो सकते हैं यानी उन्हें तेज रोशनी से परेशानी हो होती है, इसलिए मरीजों को काला चश्मा पहनने की सलाह दी जाती है। वायरस संपर्क या तरल के जरिए फैलता है इसलिए सफाई का विशेष ध्यान रखें। आंखों को कम से कम छुएं और अगर आसपास कोई मरीज है तो उससे दूरी बनाएं। यह मुख्यत: संपर्क से फैलता है। आपको केवल संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से यह बीमारी होने का खतरा होता है। यह भी सलाह दी है कि जो लोग कंप्यूटर पर ज्यादा देर तक काम करते हैं उन्हें अपनी आंखों की पलकों को बार-बार झपकाना चाहिए, इससे पानी की कमी नहीं होती है और आंखें स्वस्थ रहती हैं।
सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार श्री अनिल विक्रम सिंह जी (Mr. Anil Vikram Singh, Senior Advisor, Sahara India Pariwar) ने कहा कि हास्पिटल में मरीजों का इलाज विश्वस्तरीय तकनीक से किया जाता है। इसके साथ ही मरीजों को सभी चिकित्सा सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलती है। इसी क्रम में सहारा हॉस्पिटल लोगों को निरंतर अपनी सेवाएं देकर सहारा इंडिया परिवार के मुख्य अभिभावक सहाराश्री जी के विजन को सार्थक कर अपनी भूमिका निभा रहा है।
सहारा हॉस्पिटल का नेत्र विभाग (Eye Department of Sahara Hospital)अपने कुशल व अनुभवी सेवाएं उचित मूल्य पर देने को तत्पर हैं।
कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
♦ एक या दोनों आंखों का लाल या गुलाबी दिखाई देना
♦ एक या दोनों आंखों में जलन और खुजली होना
♦ असामान्य रूप से आंसू निकलना
♦ आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलना
♦ आंखों में किरकिरी महसूस होना और सूजन आना
इन बातों का रखें ध्यान
► कान्टेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने से बचें
► रूमाल, तौलिया आदि को शेयर न करें, टिशू पेपर का इस्तेमाल बेहतर है
► कंजक्टिवाइटिस पीड़ित मरीजों से दूरी बनाकर रखें
► अगर घर में कोई संक्रमित है तो उसे आइसोलेट करें
► संक्रमित व्यक्ति स्वीमिंग कतई न करें, हर दो घंटे में हाथ धोएं या सैनिटाइज करें
► धूल, केमिकल और तेज धूप से बचें
► आंखों पर काला चश्मा लगाएं
► भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें
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