जीएसवीएम में तैयार आयुर्वेदिक दवा एलर्जी राइनाटिस और अस्थमा में कारगर

Last Updated 13 Oct 2023 10:33:13 AM IST

GSVM Medical College Kanpur : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज अब आयुर्वेदिक दवा से एलर्जिक राइनाटिस और अस्थमा के मरीजों को ठीक करेगा।


GSVM Medical College Kanpur : आयुर्वेद को अपनाकर शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है।  इसके साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं का साइड इफेक्ट भी कम होता है।  इस बात को अब एलोपैथिक डॉक्टर भी मानने लगे हैं। यही कारण है कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज अब एलोपैथिक के साथ आयुर्वेदिक दवाओं से एलर्जिक राइनाटिस और अस्थमा के मरीजों को ठीक करेगा। लंबे समय तक मरीजों को परेशान करने वाली इन बीमारियों का इलाज अब मेडिकल कालेज में आयुर्वेदिक मेडिसिन से किया जाएगा।

कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज अब आयुर्वेदिक दवाओं का ट्रायल के साथ शोध करने लगा है। आयुर्वेदिक दवा एलर्जिक राइनाइटिस में एलोपैथिक दवाओं के मुकाबले ज्यादा प्रभावी साबित हुई है और इसके साइड इफेक्ट भी न के बराबर सामने आए हैं। एलर्जिक राइनाइटिस में दवा की प्रभावकारिता बेहतर मिलने पर ही शोधपत्र को अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो.संजय काला ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि कॉलेज के बाल रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ.यशवंत राव ने रुद्रपुर के वैद्य के साथ मिलकर इंबो नामक दवा के प्रभाव पर शोध किया है। इसमें चार से 60 आयु वर्ग तक के करीब 250 मरीजों को दो ग्रुप में विभाजित किया गया। यह शोध पिछले साल जुलाई से दिसम्बर तक एलर्जिक राइनाइटिस के मरीजों पर किया गया। एक ग्रुप को एलोपैथिक दवाएं और दूसरे ग्रुप को आयुर्वेदिक दवा इंबो दी गई।

छह महीने तक चले ट्रायल के परिणाम में आयुर्वेदिक दवा इंबो के परिणाम एलोपैथिक की तुलना में बेहतर रहे। इंबो दवा में 20 प्रकार की जड़ी-बूटी के साथ लौह भस्म का प्रयोग किया गया है, जिससे दुष्प्रभाव नहीं होते हैं।
 
प्रो. काला ने बताया कि आयुर्वेद की महत्ता वायु प्रदूषण के दौर में श्वसन रोगों में काफी बढ़ गई है। तीस प्रतिशत मरीज इस बीमारी की चपेट में हैं। ऐसे मरीजों का इलाज न किया जाए तो उन्हें एलर्जिक राइनाइटिस बाद में अस्थमा में बदल जाता है।

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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