प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद मालदीव के कुछ मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणियों की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में आई खटास के बीच मालदीव के शीर्ष पर्यटन निकाय ने इन बयानों की कड़ी निंदा की है।
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मालदीव पर्यटन उद्योग संघ (एमएटीआई) ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि वह भारत और प्रधानमंत्री मोदी के बारे में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करता है। मालदीव के तीन कनिष्ठ मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर ये टिप्पणियां की थीं।
इसपर भारत की तरफ से सख्त कूटनीतिक रुख अख्तियार करने के बाद मालदीव सरकार ने उन मंत्रियों पर कार्रवाई की है। लेकिन इस विवाद से भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
इससे चिंतित पर्यटन निकाय ने कहा, “मालदीव के पर्यटन उद्योग में भी भारत का निरंतर और महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उसने कोविड-19 के बाद सीमाएं दोबारा खुलने पर हमारे पुनरुद्धार प्रयासों में काफी मदद की है। भारत मालदीव के लिए शीर्ष बाजारों में से एक बना हुआ है।”
भारत को ‘‘निकटतम पड़ोसियों और सहयोगियों में से एक’ बताते हुए एमएटीआई ने कहा कि भारत ने संकट के समय हमेशा मदद की है और सरकार और भारत के लोगों के साथ भी घनिष्ठ संबंध रहे हैं।
मालदीव पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में 17 लाख से अधिक पर्यटकों ने मालदीव की यात्रा की थी जिनमें 2.09 लाख से अधिक भारतीय थे। इसके पहले 2022 में भारतीय सैलानियों की संख्या 2.4 लाख से अधिक थी।
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