BJP और कांग्रेस चुनावी राज्यों में लुभावने वादों की घोषणाओं में व्यस्त है: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने भारतीय जनता पार्टी (BSP) और कांग्रेस पर निशाना साधा है।
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती (फाइल फोटो) |
मायावती ने सोमवार को कहा कि ऐसे समय में जब करोड़ों लोग महंगाई और बेरोजगारी से परेशान हैं, दोनों दल एक-दूसरे पर आरोप लगाने तथा महाराष्ट्र, झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रचार में रेवड़ी व लुभावने वादों की घोषणाओं में व्यस्त हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों से जुड़े मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करने के बजाय, ये दल चुनाव से पहले अपने झूठे प्रचार और वादों के साथ ‘‘नकारात्मक राजनीति’’ में व्यस्त हैं।
बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘देश के विभिन्न राज्यों में चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की इन दोनों पार्टियों द्वारा जनता से किए गये वादे ईमानदारी से नहीं निभाए जा रहे हैं, क्योंकि इनके वादे होते ही हैं लोगों को गुमराह करने तथा सरकार बन जाने पर उन्हें भुला देने के लिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यही वजह है कि खासकर हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक की कांग्रेसी सरकारें वादाखिलाफी का आरोप झेल रही हैं तथा उत्तर प्रदेश सहित भाजपा की विभिन्न सरकारें, सत्ता में आने के बाद जनहित और जनकल्याण के वास्तविक ज्वलन्त मुद्दों पर से ध्यान भटकाने के लिए कई तरह की जुगाड़ की राजनीति करती नजर आती हैं।’’
मायावती ने कहा कि बसपा चुनाव में जनता को गुमराह करने वाला अपना कोई घोषणा पत्र जारी नहीं करती है, बल्कि करोड़ों गरीबों, मजलूमों तथा बेरोजगार लोगों के प्रति ईमानदार कर्म को ही अपना संवैधानिक दायित्व व राजनीतिक धर्म मानकर कार्य करती है।
पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब देश में व्यापक स्तर पर छाई अपार गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, साफ पानी एवं कानून व्यवस्था जैसी बुनियादी जरूरतों के अभाव से करोड़ों लोगों का जीवन त्रस्त है। इसके बावजूद भाजपा और कांग्रेस आरोप-प्रत्यारोप और महाराष्ट्र एवं झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फिर से रेवड़ी व वादों की घोषणाओं में ही अभी भी व्यस्त हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में लोगों को तमाम जंजालों से मुक्ति के लिए रोजगार की सख्त जरूरत है और यही उनकी पहली माग भी है।’’
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार ने सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर जितने रोजगार मुहैया कराए हैं उतने रोजगार उसके बाद की समाजवादी और भाजपा सरकार मिलकर भी अब तक दे पायी है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को होंगे जबकि झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 13 और 20 नवंबर में होंगे। मतों की गिनती 23 नवंबर में होगी।
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