एफबीआई का ध्यान 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में बाहरी प्रभाव के 'बढ़े हुए' जोखिम पर

Last Updated 15 Dec 2023 08:04:35 AM IST

संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में बाहरी ताकतों, खासकर रूस, चीन और ईरान जैसे विरोधियों से संभावित चुनाव हस्तक्षेप के खतरे पर "गंभीरता से ध्यान केंद्रित" कर रहा है, क्‍योंकि 2016 के रूसी हस्तक्षेप का बुरा अनुभव रहा।


एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे के अनुसार, "यह गंभीर रूप से विवादित नहीं है कि हमारे विदेशी विरोधियों ने हमारे चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की है और जारी रख रहे हैं।"

2017 से एफबीआई के प्रमुख रे ने पिछले हफ्ते सीनेट में सांसदों को बताया था, "हम इस जोखिम पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि विदेशी विरोधी, चाहे वह रूस हो, चाहे चीन हो या ईरान या अन्य, हमारे चुनावों में हस्तक्षेप करना चाहेंगे।"

एफबीआई के बॉस ने स्वीकार किया कि 2024 के राष्ट्रपति चुनाव पर बाहरी प्रभाव के खतरे "बढ़े हुए" हैं।

रे ने कहा, "यह विवादित नहीं है कि रूसियों ने 2016 के चुनाव में हस्तक्षेप करने की कोशिश की और फिर जारी रखा।"

चुनाव मशीनरी के खतरे के अलावा बाहरी देशों से भी खतरा है, जो चुनाव से पहले विचारों और जनमत को प्रभावित कर सकता है।

वाशिंगटन एग्जामिनर की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने घोषणा की थी कि उसने चीन में किसी व्यक्ति द्वारा बनाए गए लगभग 4,800 फर्जी खातों को बंद कर दिया है, जो ध्रुवीकरण वाली राजनीतिक सामग्री फैलाने के इरादे से अमेरिकियों के प्रतीत होते थे।

वामपंथी झुकाव वाले समूह फ्री स्पीच फॉर पीपल, एक गैर-लाभकारी वकालत समूह जो चुनाव और अभियान वित्त सुधारों पर केंद्रित है, ने इस महीने की शुरुआत में रे को एक पत्र लिखा था, जिसमें वोटिंग सिस्टम सॉफ़्टवेयर तक पहुंच के पिछले प्रयासों के साथ-साथ अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड को भी चिंता से अवगत कराया गया था।

आईएएनएस
वाशिंगटन


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment