SCO Summit: एससीओ शिखर सम्मेलन में एक साथ आए पीएम मोदी समेत दुनिया के बड़े नेता, अहम मुद्दों पर की चर्चा

Last Updated 16 Sep 2022 01:35:38 PM IST

पीएम मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों के नेताओं ने यहां संगठन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति और व्यापार एवं संपर्क बढ़ाने के तरीकों पर शुक्रवार को विचार-विमर्श किया।


SCO Summit: मोदी व अन्य नेताओं ने अहम मुद्दों पर की चर्चा

SCO समिट में पीएम मोदी का संबोधन
उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एससीओ के सदस्य देश, वैश्विक गिनती में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्व की 40 प्रतिशत जनता भी एससीओ देशों में निवास करती है। भारत एससीओ सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है।

मोदी ने कहा कि हम प्रति क्षेत्र में नवाचार का समर्थन कर रहे हैं। आज भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप हैं जिनमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं।

उन्होंने कहा कि हम भारत को एक विनिर्माण हब बनाने पर प्रगति कर रहे हैं। इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी वृद्धि की आशा है जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी। हम जन-केंद्रित विकास मॉडल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर एक स्पेशल वर्किंग ग्रुप की स्थापना करके एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं।

मोदी ने कहा कि अप्रैल 2022 में गुजरात में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया गया। पारंपरिक चिकित्सा के लिए ये डब्लयूएचओ का पहला और एकमात्र वैश्विक केंद्र होगा। एससीओ देशों के बीच पारंपरिक औषधि पर सहयोग बढ़ाना चाहिए। इसके लिए भारत पारंपरिक औषधि पर नए एससीओ वर्किंग ग्रुप पर पहल लेगा।

इससे पहले पूर्वी लद्दाख में करीब 28 महीने पहले भारत एवं चीन के बीच सीमा पर गतिरोध की स्थिति पैदा होने के बाद से मोदी और शी ने पहली बार उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद में मुलाकात की।

बहरहाल, अभी इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है कि शिखर सम्मेलन के इतर मोदी और शी के बीच क्या कोई द्विपक्षीय बैठक होगी।

इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और मध्य एशियाई देशों के अन्य नेता भी भाग ले रहे हैं।

आठ देशों के इस प्रभावशाली समूह का शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब यूक्रेन पर रूस के हमले और ताइवान जलडमरूमध्य में चीन के आक्रामक सैन्य रुख के कारण भू-राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है।

शिखर सम्मेलन के सीमित प्रारूप के दौरान विचार-विमर्श से पहले, समूह के स्थायी सदस्यों के नेताओं ने एक साथ तस्वीर खिंचवाई।

शिखर सम्मेलन के परिसर पर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव ने 22वें एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए समरकंद के कांग्रेस सेंटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया।’’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एससीओ के अन्य सदस्य देशों के नेताओं ने क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा, व्यापार एवं संपर्क, संस्कृति और पर्यटन सहित सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।’’

शिखर सम्मेलन के बाद मोदी के कुछ द्विपक्षीय बैठकें भी करने का कार्यक्रम है। वह पुतिन, मिर्जियोयेव और रईसी से मुलाकात करेंगे।

मोदी करीब 24 घंटे के दौरे पर बृहस्पतिवार की रात यहां पहुंचे थे।

मोदी ने समरकंद रवाना होने से पहले एक बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं एससीओ शिखर सम्मेलन में सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और परस्पर लाभकारी सहयोग को और गहरा करने को लेकर उत्सुक हूं।’’

उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान की अध्यक्षता में व्यापार, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए कई फैसले लिए जाने की उम्मीद है।

कोविड-19 के कारण दो साल बाद एससीओ का ऐसा शिखर सम्मेलन हो रहा है, जिसमें नेता व्यक्तिगत रूप से मौजूद हैं।

समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन दो सत्र में होगा। एक सीमित सत्र होगा, जो केवल एससीओ के सदस्य देशों के लिए है और इसके बाद एक विस्तारित सत्र होगा, जिसमें पर्यवेक्षक देश और अध्यक्ष देश की ओर से विशेष रूप से आमंत्रित देशों के नेताओं की भागीदारी की संभावना है।

एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुए थे।

एससीओ सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। समरकंद शिखर सम्मेलन में ईरान को एससीओ के स्थायी सदस्य का दर्जा दिए जाने की संभावना
है।
 

भाषा/समय लाइव डेस्क
समरकंद/नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment