अफगानिस्तान में मंगलवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी के ईद-उल-अजहा के मौके पर भाषण देने से कुछ समय पहले राष्ट्रपति भवन के पास कम से कम तीन रॉकेट दागे गए।
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गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मिरवाइज स्तानिकजई ने बताया कि रॉकेट हमलों में कोई हताहत नहीं हुआ। रॉकेट कड़ी सुरक्षा वाले राष्ट्रपति भवन के बाहर गिरे।
अभी हमले की किसी ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली है। ऐसा प्रतीत होता है कि हमले का मकसद नुकसान पहुंचाने से अधिक तनाव उत्पन्न करना था।
राष्ट्रपति भवन एक तथाकथित ‘ग्रीन ज़ोन’ के बीच में स्थित है जो विशाल सीमेंट की दीवारों तथा कांटेदार तारों से घिरा है और उसके पास की सड़कें भी काफी समय से बंद हैं।
ये हमले ऐसे समय में हुए हैं, जब अमेरिका और नाटो बल के सैनिकों की अफगानिस्तान से पूर्ण वापसी अंतिम चरण में है और युद्धग्रस्त देश में एकबार फिर अराजकता तथा हिंसा बढ रही है।
वहीं, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ईद-उल-अजहा पर सुबह की नमाज के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ यह ईद अफगान सेना के बलिदान और साहस का सम्मान के नाम है, खासकर पिछले तीन महीनों में जो उन्होंने योगदान दिया।’’
गनी ने कहा, ‘‘ तालिबान का शांति का कोई ईरादा या इच्छा नहीं है। जबकि हमने यह साबित किया है कि हम शांति के लिए बलिदान देने को तैयार हैं।’’
गनी ने पिछले साल शांति वार्ता शुरू करने के लिए पांच हजार तालिबान कैदियों को रिहा करने के अपनी सरकार के फैसले को एक ‘‘बड़ी गलती’’ करार दिया और कहा कि इसने केवल विद्रोहियों को ही मजबूत किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने पांच हजार कैदियों को शांति वार्ता शुरू करने के लिए रिहा कर दिया, लेकिन आज तक तालिबान ने शांति वार्ता में कोई गंभीर या सार्थक दिलचस्पी नहीं दिखाई है।’’
सरकार में दूसरे सबसे बड़े अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला मंगलवार को हुए हमले के समय राष्ट्रपति भवन के अंदर मौजूद थे। कतर में तालिबान से शांति वार्ता कर वह सोमवार को ही लौटे थे।
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