संयुक्त राष्ट्र की दूत ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट की निंदा की, नेताओं की रिहाई की अपील की

Last Updated 06 Feb 2021 03:55:17 PM IST

म्यांमार में सत्ता पर सेना के नियंत्रण के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र और म्यांमार की सेना के बीच वार्तालाप हुई।


संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष दूत (म्यांमार) ने म्यांमार के सैन्य उप प्रमुख से बात की और सेना की कार्रवाइयों की ‘‘कड़ी निंदा’’ की और हिरासत में लिए गए सभी नेताओं को तुरंत रिहा करने की अपील की।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव की म्यांमार मामलों पर विशेष दूत क्रिस्टीन श्रेनर बर्गनर ने राजधानी नेपीता में डिप्टी कमांडर इन चीफ वाइस जनरल सोई विन से बात की। महासचिव एंतानियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।

दुजारिक ने कहा कि म्यांमार के डिप्टी कमांडर इन चीफ के साथ ऑनलाइन बातचीत में बर्गनर ने ‘‘महासचिव द्वारा सेना की कार्रवाइयों की कड़ी निंदा को दोहराया जिससे देश में लोकतांत्रिक सुधार बाधित हुए हैं।’’

दुजारिक ने कहा कि बर्गनर ने हिरासत में लिए गए सभी लोगों को तुरंत रिहा करने की अपील को भी दोहराया।

उन्होंने कहा कि बर्गनर ने रोहिंग्या शरणार्थियों को सुरक्षित, सम्मानजनक, स्वैच्छिक एवं सतत वापसी के मुद्दे, शांति प्रक्रिया, जवाबदेही और वर्तमान मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में चल रही सुनवाई में हिस्सा लेने पर जोर दिया।

दुजारिक ने कहा कि एक फरवरी को सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद पहली बार बर्गनर और सेना उप प्रमुख के बीच ‘‘लंबी’’ और ‘‘काफी महत्वपूर्ण’’ वार्ता हुई।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने तख्तापलट के तीन दिन बाद बृहस्पतिवार को म्यांमार की स्थिति पर प्रेस विज्ञप्ति जारी की। बयान में हिरासत में लिए गए सभी लोगों को तुरंत रिहा करने की अपील की गई।

दुजारिक ने सुरक्षा परिषद् के बयान को संगठन की तरफ से ‘‘पहला सकारात्मक कदम’’ बताया।

बर्गनर ने आसियान के विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ बात की ताकि ‘‘सुनिश्चित किया जा सके कि सभी एक लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।’’

भाषा
संयुक्त राष्ट्र


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