मुंबई आतंकवादी हमलों में आरोपी तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पित करने का विरोध किया

Last Updated 05 Feb 2021 11:53:31 AM IST

मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों में मुख्य आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा ने स्वयं को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का विरोध करते हुए दलील दी है।


तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पित करने का विरोध किया (प्रतिकात्मक फोटो)

तहव्वुर राणा ने दलील दी है कि जिन अपराधों के लिये उसके प्रत्यर्पण की अपील की गई है, उनमें उसे पहले ही बरी किया जा चुका है।      

डेविड कोलमेन हेडली के बचपन के दोस्त राणा (59) को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में संलिप्तता के लिये भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर 10 जून को लास एंजिलिस से दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था। मुंबई हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 166 लोगों की मौत हो गई थी।       

मुंबई आतंकवादी हमलों की साजिश रचने में लश्कर-ए-तैयबा का पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी हेडली शामिल था। उसे इस मामले में सरकारी गवाह बनाया गया था और वह हमले में अपनी भूमिका के लिये फिलहाल अमेरिका की जेल में 35 साल के कारावास की सजा काट रहा है।      

राणा के वकीलों ने पिछले सप्ताह लास एंजिलिस की जिला अदालत में न्यायाधीश जैकलीन केलोनियन के समक्ष प्रत्यर्पण का विरोध करते हुए याचिका दायर की थी।      

राणा के वकीलों ने दलील दी कि अमेरिका-भारत प्रत्यर्पण संधि के अनुच्छेद छह के तहत राणा को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता क्योंकि जिन अपराधों के लिये उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है, उसमें उसे पहले ही बरी किया जा चुका है। साथ ही संधि के अनुच्छेद

9 के तहत भी उसे प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता क्योंकि सरकार ने कथित अपराधों में राणा की संलिप्तता पर विास करने के संभावित कारण नहीं बताए हैं।

भाषा
वाशिंगटन


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