भारतीय शेयर बाजार के लिए शुक्रवार का कारोबारी सत्र नुकसान वाला रहा। बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,414.33 अंक या 1.90 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,198 और निफ्टी 420.35 अंक या 1.86 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 22,124 पर था।
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तेज गिरावट के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ रुपये गिरकर 383 लाख करोड़ रुपये रह गया है, जो कि गुरुवार को 393 लाख करोड़ रुपये था।
गिरावट का नेतृत्व मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने किया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,221.55 अंक या 2.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 47,915 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 456 अंक या 3.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 14,700 पर बंद हुआ।
व्यापक बाजार का रुझान भी नकारात्मक था। बीएसई पर 780 शेयर हरे निशान में, 3,214 शेयर लाल निशान में और 88 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए हैं।
निफ्टी के सेक्टोरल इंडेक्स में ऑटो में 3.92 प्रतिशत, आईटी में 4.18 प्रतिशत, एफएमसीजी में 2.62 प्रतिशत, एनर्जी में 2.09 प्रतिशत, इन्फ्रा में 2.07 प्रतिशत और फार्मा में 1.92 प्रतिशत की गिरावट हुई। करीब सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं।
टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, एमएंडएम, भारती एयरटेल, इन्फोसिस, टाटा मोटर्स, टाइटन, टीसीएस, नेस्ले, मारुति सुजुकी, एचसीएल टेक, अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, जोमैटो, बजाज फिनसर्व और बजाज फाइनेंस टॉप लूजर्स थे। केवल एचडीएफसी बैंक ही हरे निशान में बंद हुआ है।
फरवरी में बाजार का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है। 500 में से 450 निफ्टी शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं। इस दौरान निफ्टी 5.89 प्रतिशत और सेंसेक्स में 5.55 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
बाजार में गिरावट की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ के ऐलान को माना जा रहा है, जिसके कारण टैरिफ वार का खतरा पैदा हो गया है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ टेक्निकल एनालिस्ट, रूपक दे का कहना है कि शुक्रवार को निफ्टी में बड़ी गिरावट हुई है। कंसोलिडेशन के ब्रेकडाउन के बाद इसमें 400 अंक से अधिक की गिरावट आई है। आरएसआई ओवरसोल्ड जोन में बना हुआ है, जो कि मंदी के सेंटीमेंट को दिखाता है। निफ्टी के लिए 21,800 और 22,000 एक मजबूत सपोर्ट है। अगर यह इसके ऊपर टिका रहता है तो रिकवरी देखने को मिल सकती है। अगर निफ्टी इसके नीचे जाता है तो गिरावट और बढ़ सकती है।
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