भारत, चीन और रूस ने अफगानिस्तान पर त्रिपक्षीय बैठक की
भारत, चीन और रूस ने गुरुवार को बीजिंग में अफगानिस्तान पर त्रिपक्षीय बैठक की.
भारत, चीन और रूस ने त्रिपक्षीय बैठक की (फाइल फोटो) |
इस बैठक में सहमति जताई गई कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी की योजना की पृष्ठभूमि में अफगानिस्तान की स्थिरता और सुरक्षा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं. तीन प्रमुख देशों की यह बैठक पिछले साल अफगानिस्तान पर भारत-चीन संवाद के बाद हुई है.
अधिकारियों ने कहा, ‘‘तीनों पक्षों ने अफगानिस्तान में स्थिति पर विचारों का आदान प्रदान किया तथा समहमति जताई कि अफगानिस्तान में सुरक्षा इस देश और पूरे क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘तीनों पक्षों ने मजबूत, एकीकृत, स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध अफगानिस्तान के लिए समर्थन दोहराया है. इन्होंने फिर से मिलने पर भी सहमति जताई है.’’
इस बैठक में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नेहचल संधू ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व किया.
भारत की तरह चीन ने भी अलकायदा के फिर से उभरने तथा मुस्लिम उईगुर बहुल प्रांत जिनजियांग में इसके संभावित असर को लेकर चिंता जताई. चीन का यह प्रांत अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से लगा हुआ है.
जिनजियांग प्रांत में चीन अलकायदा से जुड़े संगठन ‘ईस्ट तुर्केमेनिस्तान इस्लामिक मूवमेंट’ (ईटीआईएम) के अलगाववादी विद्रोह का सामना कर रहा है.
यही नहीं, चीन अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद वहां अपनी बड़ी भूमिका देखता है. उसने अफगानिस्तान के खनन तथा बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश किया है.
इस बैठक के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान में स्थिति इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता से जुड़ी हुई है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के शांतिपूर्ण पुनर्निर्माण और सुलह में चीन सभी प्रासंगिक पक्षों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है. शांति और स्थिरता कायम करने में भी उसकी यही भूमिका रहेगी.’’
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