भारत-पाक संबंधों की दिशा तय करना प्राथमिकता: खार
पाक विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि उनकी प्राथमिकता भारत-पाक संबंधों की दिशा तय करने की होगी.
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इस महीन भारत दौरे पर आने वालीं पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार का कहना है कि भारत के साथ बातचीत में उनकी प्राथमिकता भविष्य में दोनों देशों के संबंधों की दिशा तय करने से जुड़ी होगी.
पाकिस्तान के सरकारी टेलीविजन पीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में खार ने कहा, ''भारत का बातचीत के प्रति गंभीरता दिखाना और पाकिस्तान के साथ समझौते की प्रक्रिया को मूर्त रूप देने की दिशा में कदम बढ़ाना एक ''सकारात्मक कदम" है.
इस बातचीत में पाकिस्तान की स्थिति पर चर्चा करते हुए खार ने कहा कि पाकिस्तान ''स्थिति को संपूर्णता में देखना चाहता है और समस्या की जड़ों तक जाना चाहता है." उन्होंने कहा कि भारत को बातचीत के लिए फिर से तैयार करना पाकिस्तान की सफलता है.
खार 26 जुलाई को भारत के दौरे पर आएंगी और 27 जुलाई को अपने समकक्ष एस एम कृष्ण के साथ बैठक करेंगी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए भारत और अफगानिस्तान समेत सभी पड़ोसी देशों से लगातार संपर्क स्थापित करता रहता है.
अमेरिका में पाकस्तानी खूफिया एजेंसियों के लिए काम करने के आरोप में कश्मीरी अलगाववादी नेता गुलाम नबी फाई की गिरफ्तारी पर 34 वर्षीय खार ने कहा कि फाई अमेरिकी नागरिक हैं और ''वह मौजूद व्यवस्था के अंतर्गत अपनी समस्या का समाधान निकालने में कामयाब होंगे."
मंगलवार को कैबिनेट स्तर की विदेश मंत्री नियुक्त की गईं खार पाकिस्तान की सबसे युवा और पहली महिला विदेश मंत्री हैं. वह पहले विदेश राज्य मंत्री के पद पर आसीन थीं.
अफगानिस्तान पर चर्चा करते हुए खार ने कहा कि वहां शांति और स्थिरता पाकिस्तान के लिए काफी महत्वपूर्ण है और दोनों देशों की नियति एक दूसरे से जुड़ी हुई है.
अमेरिका के साथ पाकिस्तान के रिश्तों पर उन्होंने कहा, ''अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते कई मुद्दों पर स्पष्टता के अभाव के कारण प्रभावित हुए हैं." उन्होंने आशा जाहिर की कि दोनों देश राजनीतिक, आर्थिक, व्यापार, सेना और सूचनाओं के क्षेत्र में सहयोग के लिए अपनी रणनीतिक वार्ता जारी रखेंगे.
हालांकि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के विदेशी मदद पर आधारित नहीं होने की बात करते हुए उन्होंने निर्भरता के रोग से छुटकारा पाने की जरूरत पर जोर दिया. खार ने कहा कि पाकिस्तान में कानून व्यवस्था के वर्तमान हालात से देश के विकास में बाधा बन रहे हैं.
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