Makar Sankranti 2025 : मकर संक्रांति मंगलवार को, स्नान के लिए उमड़ा श्रद्धालुओं का रेला

Last Updated 13 Jan 2025 11:40:20 AM IST

Makar Sankranti 2025 : महाकुम्भ का शुभारंभ हो चुका है, और मकर संक्रांति के मौके पर आस्था का विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा है। श्रद्धालु दूर-दूर से मां गंगा के पवित्र तट पर पहुंचने लगे हैं।


कड़कड़ाती ठंड भी उनके उत्साह और आस्था को नहीं डिगा पा रही। सिर पर गठरी और पांव में बिना चप्पल, भक्त रेती पर दौड़ते हुए गंगा में स्नान के लिए तत्पर दिखे।

इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को है। खास बात यह है कि इस पर्व में कोई भद्रा नहीं है, यह सुबह से शाम तक शुभ रहेगा। वैदिक ज्योतिष संस्थान के आचार्य पीसी शुक्ला के अनुसार मकर संक्रांति सूर्य की स्थिति के आधार पर मनाया जाने वाला पर्व है।

इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण हो जाते हैं। मकर संक्रांति पर गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दौरान स्नान, दान, और तिल-गुड़ के सेवन से व्यक्ति पुण्य अर्जित करता है। महापुण्यकाल की अवधि सुबह 9.03 बजे से 10.50 बजे तक रहेगी, जो एक घंटा 47 मिनट होगी।

दान का है बहुत महत्व

शास्त्रों में मकर संक्रांति को तिल संक्रांति भी कहा गया है। इस पुनीत मौके पर काले तिल, गुड़, खिचड़ी, नमक और घी का दान विशेष फलदायी माना गया है। मान्यता है कितिल और गुड़ का दान पापों का नाश और पुण्य लाभ प्रदान करता है।

नमक का दान नकारात्मक ऊर्जा और अनिष्टों का नाश करता है। इसके अलावा चावल और उड़द की दाल की खिचड़ी दान करने से अक्षय फल और घी व रेवड़ी का दान भौतिक सुख, मान-सम्मान, और यश प्राप्त होता है। पक्षियों को दाना और जानवरों को भोजन कराना भीअत्यधिक फलदायी माना जाता है।

समयलाइव डेस्क
महाकुम्भ नगर


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