Sawan Somvar Vrat Aarti: सावन के सभी सोमवार पर इस आरती से करें भोलेनाथ की पूजा, मिलेगा शिव का आशीर्वाद
Sawan Somvar Vrat Aarti: सावन के पवित्र महीने में सोमवारी का व्रत रखना भक्तों के लिए अत्यंत कल्याणकारी माना गया है। कहा जाता है कि भगवान शिव का जो भक्त सच्चे मन से इस महीने में उनकी पूजा-आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त सावन के सोमवार का व्रत रखते हैं तथा भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करते हैं, उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अपने पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए शादीशुदा महिलाएं यह व्रत रखती हैं। कहा जाता है कि, कुंवारी कन्याओं के लिए भी यह व्रत रखना लाभदायक होता है। जो कन्या यह व्रत रखती है, उसे योग्य वर की प्राप्ति होती है। किसी भी पूजा में आरती सबसे महत्वपूर्ण होती है। माना जाता है कि बिना आरती किये पूजा पूरी नहीं होती। तो चलिए यहां पढ़िए सावन सोमवार व्रत की आरती।
Sawan Somvar Vrat Aarti
ओम जय शिव ओंकारा।
स्वामी जय शिव ओंकारा।।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा।
ओम जय शिव ओंकारा।।
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ओम जय शिव ओंकारा।।
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।।
ओम जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला, वनमाला, मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघम्बर अंगे।
सनकादिक, गरुणादिक, भूतादिक संगे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी, दुखहारी, जगपालन कारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
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