Shani Dev 108 Names : शनिवार के दिन करें शनि देव के 108 नामों का जाप, मिलेगी शनि दोष से मुक्ति
Shani Dev 108 Names : हिंदू धर्म के मुताबिक शनिवार को कर्म फल दाता शनि देव की पूजा करनी चाहिए। शनि देव की उपासना करने से शनैश्चर देव प्रसन्न होते हैं।
Shani Dev 108 Names |
Shani Dev 108 Names: मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों का फल देने वाले शनिदेव ही हैं। जिस व्यक्ति पर शनि की टेढ़ी नज़र पड़ती है वह कुछ ही क्षणों में राजा से रंक बन जाता है और जब शनि की शुभ दृष्टि किसी व्यक्ति पर होती है तो वह मालामाल हो जाता है। शनिवार को शनि देवता की पूजा करने से वो प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर शुभ दृष्टि डालते हैं। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनि दोष खत्म होता है। शनि ग्रह के कुप्रभावों से मुक्ति मिलती है। पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 108 बार 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करने से दुख, कठिनाई और ग्रह-दोषों का प्रभाव शांत हो जाता है साथ ही शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है और शनि देव प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही शनिवार को शनि देव के 108 नामों का जाप करने से शनि दोष कम हो जाता है। तो चलिए आज आपको बताते हैं शनि देव के 108 नाम।
Shani Dev 108 Names
1. ॐ शनैश्चराय नमः ।
2. ॐ शान्ताय नमः ।
3. ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः ।
4. ॐ शरण्याय नमः ।
5. ॐ वरेण्याय नमः।
6. ॐ सर्वेशाय नमः।
7. ॐ सौम्याय नमः।
8. ॐ सुरवन्द्याय नमः।
9. ॐ सुरलोकविहारिणे नमः ।
10. ॐ सुखासनोपविष्टाय नमः।
11. ॐ सुन्दराय नमः ।
12. ॐ घनाय नमः।
13. ॐ घनरूपाय नमः।
14. ॐ घनाभरणधारिणे नमः।
15. ॐ घनसारविलेपाय नमः।
16. ॐ खद्योताय नमः।
17. ॐ मन्दाय नमः।
18. ॐ मन्दचेष्टाय नमः।
19. ॐ महनीयगुणात्मने नमः।
20. ॐ मर्त्यपावनपदाय नमः
21. ॐ महेशाय नमः।
22. ॐ छायापुत्राय नमः।
23. ॐ शर्वाय नमः।
24. ॐ शततूणीरधारिणे नमः।
25. ॐ चरस्थिरस्वभा वाय नमः।
26. ॐ अचंचलाय नमः।
27. ॐ नीलवर्णाय नमः।
28. ॐ नित्याय नमः।
29. ॐ नीलांजननिभाय नमः।
30. ॐ नीलाम्बरविभूशणाय नमः।
31. ॐ निश्चलाय नमः।
32. ॐ वेद्याय नमः।
33. ॐ विधिरूपाय नमः।
34. ॐ विरोधाधारभूमये नमः।
35. ॐ भेदास्पदस्वभावाय नमः।
36. ॐ वज्रदेहाय नमः।
37. ॐ वैराग्यदाय नमः।
38. ॐ वीराय नमः।
39. ॐ वीतरोगभयाय नमः।
40. ॐ विपत्परम्परेशाय नमः।
51. ॐ आयुष्यकारणाय नमः।
52. ॐ आपदुद्धर्त्रे नमः।
53. ॐ विष्णुभक्ताय नमः।
54. ॐ वशिने नमः।
55. ॐ विविधागमवेदिने नमः।
56. ॐ विधिस्तुत्याय नमः।
57. ॐ वन्द्याय नमः।
58. ॐ विरूपाक्षाय नमः।
59. ॐ वरिष्ठाय नमः।
60. ॐ गरिष्ठाय नमः।
61. ॐ वज्रांकुशधराय नमः।
62. ॐ वरदाभयहस्ताय नमः।
63. ॐ वामनाय नमः।
64. ॐ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः।
65. ॐ श्रेष्ठाय नमः।
66. ॐ मितभाषिणे नमः।
67. ॐ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः।
68. ॐ पुष्टिदाय नमः।
69. ॐ स्तुत्याय नमः।
70. ॐ स्तोत्रगम्याय नमः।
71. ॐ भक्तिवश्याय नमः।
72. ॐ भानवे नमः।
73. ॐ भानुपुत्राय नमः।
74. ॐ भव्याय नमः।
75. ॐ पावनाय नमः।
76. ॐ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः।
77. ॐ धनदाय नमः।
78. ॐ धनुष्मते नमः।
79. ॐ तनुप्रकाशदेहाय नमः।
80. ॐ तामसाय नमः।
81. ॐ अशेषजनवन्द्याय नमः।
82. ॐ विशेशफलदायिने नमः।
83. ॐ वशीकृतजनेशाय नमः।
84. ॐ पशूनां पतये नमः।
85. ॐ खेचराय नमः।
86. ॐ खगेशाय नमः।
87. ॐ घननीलाम्बराय नमः।
88. ॐ काठिन्यमानसाय नमः।
89. ॐ आर्यगणस्तुत्याय नमः।
90. ॐ नीलच्छत्राय नमः।
91. ॐ नित्याय नमः।
92. ॐ निर्गुणाय नमः।
93. ॐ गुणात्मने नमः।
94. ॐ निरामयाय नमः।
95. ॐ निन्द्याय नमः।
96. ॐ वन्दनीयाय नमः।
97. ॐ धीराय नमः।
98. ॐ दिव्यदेहाय नमः।
99. ॐ दीनार्तिहरणाय नमः।
100. ॐ दैन्यनाशकराय नमः।
101. ॐ आर्यजनगण्याय नमः।
102. ॐ क्रूराय नमः।
103. ॐ क्रूरचेष्टाय नमः।
104. ॐ कामक्रोधकराय नमः।
105. ॐ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः।
106. ॐ परिपोषितभक्ताय नमः।
107. ॐ परभीतिहराय नमः।
108. ॐ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः।
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