Kamada Ekadashi 2024 : पापों से मुक्ति पाने के लिए करें कामदा एकादशी का व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Last Updated 18 Apr 2024 08:36:58 AM IST

Kamada Ekadashi 2024 : कामदा एकादशी चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। ये व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है।


Kamada Ekadashi 2024

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के रूप में जाना जाता है। चैत्र नवरात्रि और राम नवमी के बाद यह पहली एकादशी है। पूरे साल कुल 24 एकादशी पड़ती हैं जिसमें से एक कामदा एकादशी है। ये व्रत 19 अप्रैल 2024 को रखा जाएगा।  तो चलिए आपको कामदा एकादशी की पूजा विधि, कथा और मुहूर्त के बारे में बताते हैं।

Kamada ekadashi mahatva - कामदा एकादशी महत्व 

इस व्रत का बहुत महत्व है। यह व्रत करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान विष्णु के भक्तों को यह व्रत ज़रूर करना चाहिए। इसे करने से मनुष्य भगवान विष्णु के
धाम बैकुंठ को प्राप्त करता है।

शुभ मुहूर्त - shubh muhurat

• कामदा एकादशी 19 अप्रैल 2024

• पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 05:51 ए एम से 08:27 ए एम, 20 अप्रैल 2024

• पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 10:41 पी एम

• एकादशी तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 18, 2024 को 05:31 पी एम बजे

• एकादशी तिथि समाप्त - अप्रैल 19, 2024 को 08:04 पी एम बजे

कामदा एकादशी व्रत विधि ( Kamada Ekadashi Vrat Vidhi in Hindi )

• कामदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।

• पीले रंग का वस्त्र धारण करें।

•  चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें.

• इसके बाद भगवान विष्णु का फल, फूल, दूध, पंचामृत, तिल आदि से पूजन करें।

•  भगवान भास्कर को जल का अर्घ्य दें।

• भगवान विष्णु का पाठ करें।

• पारण के दिन भगवाग की आरती करके ब्राह्मण को भोजन कराएं। दक्षिणा देकर ब्राह्मण को

• विदा करने के बाद भोजन ग्रहण कर उपवास खोले।

विष्णुजी की स्तुति

शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं,

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।

लक्ष्मीकांतं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्,

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

यह मंत्र भी काफी लोकप्रिय मंत्रों में से एक है।भगवान विष्णु की इस स्तुति को करने से श्री नारायण प्रसन्न होते है और भक्तों को अपनी कृपा प्रदान करते हैं।

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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