Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्र पर्व की तैयारियां पूर्ण, उत्सव आज से
चैत्र नवरात्र की शुरु आत मंगलवार से हो रही है। इस बार नौ दिन के नवरात्र होंगे। इस बार चैत्र नवरात्र पर वर्षो बाद दुर्लभ योग बन रहा है।
झंडेवालान मंदिर में नवरात्र पर्व के लिए सजावट करते कर्मचारी। |
नवरात्र की शुरु आत सर्वाथ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग में हो रही है। योग का निर्माण सुबह 7.32 से है। इससे पहले रेवती नक्षत्र रहेगा।
अश्विनी नक्षत्र सुबह 7.32 से अगले दिन बुधवार को सुबह 5.6 तक रहेगा। इन योगों में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अनंत फल की प्राप्ति होगी। 17 को रामनवमी के उत्सव के साथ इसका समापन होगा।
सजे मंदिर, चाक चौबद सुरक्षा व्यवस्था
राजधानी के शक्तिपीठ, सिद्धपीठ, मंदिरों में चैत्र नवरात्र की सजावट की शोभा देखते ही बन रही है। सुरक्षा के साथ ही भक्तों के दर्शन सहजता से होने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत के अनुसार इस बार मां के हर स्वरूप के पूजन के साथ ही मां कालिकेय का पूजन होगा। प्राचीन ऐतिहासिक झंडेवाला देवी मंदिर में सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। किसी प्रकार का प्रसाद अथवा अन्य भेंट चढ़ाने की व्यवस्था नहीं है।
मंदिर में प्रत्येक प्रवेश द्वार पर चरण पादुका स्टैंड बनेंगे जहां भक्त अपने जूते चप्पल रख सकेंगे। आने वाले भक्तों के वाहन खड़े करने के लिए रानी झांसी मार्ग, फ्लैटिड फैक्टरी परिसर में निशुल्क पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए 235 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं ।
मंदिर के अतिरिक्त प्रबंधक रवींद्र गोयल के अनुसार नव संवत के स्वागत हेतु प्रथम नवरात्र के सूर्योदय पर अर्ध देकर और सुंदर भजनों द्वारा मां शक्ति का आह्वान करने की विशेष व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रत्येक हिन्दू के घर पर भगवा पताका लगे इसके लिए 15 हजार पताकाओं का वितरण भी किया जाएगा।
भक्तों के आग्रह पर अखंड ज्योत और खेत्री पूजन की विधि और उसकी सामग्री की भी व्यवस्था की गई है ताकि भक्तगण सही विधि के साथ अपने घरो में पूजन कर सके। केसरी नंदन संकट मोचन हनुमान मंदिर, जनपथ लेन के महंत सतीश शर्मा के आचार्यत्य में कलश स्थापना करेंगे। इस मौके पर 9 कन्याओं का पूजन होगा। 13 अप्रैल को भंडारा वितरित होगा।
ऐसे करें पूजन
श्री हनुमान मंदिर, कनाट प्लेस के महंत सुरेश शर्मा के अनुसार नवरात्र के पहले दिन घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ स्वास्तिक बनाएं और दरवाजे पर आम के पत्ते का तोरण लगाएं। मां इस दिन भक्तों के घर में आती हैं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। जहां मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें वहां पहले स्वास्तिक का चिह्न बनाएं। उसके बाद रोली और अक्षत से टीका कर माता की मूर्ति को स्थापित करें। फिर विधिविधान से मां की पूजा करें।
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