जानिए गणेशोत्सव की महाराष्ट्र में कैसे हुई शुरुआत, बेहद खास होता है आयोजन
देश और महाराष्ट्र में बुधवार से दस दिवसीय गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत हुई।
![]() गणेश चतुर्थी (फाइल फोटो) |
पिछले दो साल के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के कारण यह त्योहार कई तरह की पाबंदियों के साए में मनाया गया था।
‘विघ्नहर्ता’ के रूप में पूजे जाने वाले भगवान गणेश की मूर्तियां राज्यभर में लोग अपने घरों में स्थापित कर रहे हैं। महामारी का असर कम होने के बाद इस साल सार्वजनिक स्तर पर भव्य पंडालों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी।
महाराष्ट्र में इस पर्व की शुरुआत 1890 के दशक में राष्ट्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक और अन्य ने की थी। पर्व के अंतिम दिनों में महाराष्ट्र में मुंबई तथा अन्य शहरों में गणेश मंडल ढोल-ताशे बजाते हुए प्रतिमाओं के साथ शोभायात्रा निकालते हैं।
स्थापित करने के लिए मंगलवार रात को ही ज्यादातर लोग ‘गणपति बप्पा मोरया’ के उद्घोष के साथ गणपति प्रतिमा अपने घर लाए।
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