वास्तविक जीवन
नींद एक और चमत्कार है। जब आप गहरी नींद में होते हैं तो आप कौन हैं, यह बात गायब हो जाती है।
![]() जग्गी वासुदेव |
जब आप सोते हैं तो वास्तव में क्या होता है? ज्यादातर लोग गहरी नींद का अनुभव नहीं लेते। आपके दिमाग में लाखों बातें चलती रहती हैं, जो नींद के दौरान सपनों या बड़बड़ाने के रूप में बाहर निकलती हैं। आप जब खाना खा रहे होते हैं, तब घर के बारे में सोच रहे होते हैं, जब अपने घर पर होते हैं तो अपने काम के बारे में सोच रहे होते हैं, काम के वक्त यात्रा के बारे में सोचते हैं, जब यात्रा में होते हैं तब सोचते हैं कि सोएंगे कब? और जब सोने जाते हैं तो कुछ और सोच रहे होते हैं। आपका सारा जीवन बस ऐसे ही चलता है।
आपको अपना जीवन पूरी तरह से समझना है तो आप जो कुछ भी कर रहे हों उसे 100% भागीदारी के साथ करिए, उसमें पूरी तरह शामिल होइए और अपने आपको उसके लिए पूरी तरह समर्पित कर दीजिए। चूंकि आप हमेशा ही अपनी विचार प्रकिया के साथ उलझे रहते हैं, केवल आपके विचार और भावनाएं ही आपके लिए जीवन बन गए हैं। गुस्सा, आनंद या संतोष ये सभी भावनाएं तो आपका अपना मन बनाता है।
अपने अस्तित्व की असली संवेदनाओं के बारे में तो आप बिल्कुल ही उदासीन हो गए हैं। आप जीवन के साथ सिर्फ तब होते हैं, जब आप जो कुछ भी कर रहे हों, उसमें पूरी तरह से शामिल हों। जब आप खाते हैं, तब ब्रह्मांड आप का हिस्सा बन जाता है। जब आप सोते हैं, तब आप ब्रह्मांड का हिस्सा बन जाते हैं। आप ये 100% भागीदारी के साथ करें तो अनुभव के ऊंचे स्तरों की ओर ले जाने वाले दरवाजे आप के लिए खुल जाएंगे। सिर्फ वर्तमान क्षण ही जीवन में वास्तविक है, उसके पहले और बाद के क्षण हमारे अनुभव में नहीं हैं-वे काल्पनिक हैं।
आप देखिए कि आप जो भी कर रहे हैं, उसे 100% भागीदारी के साथ कैसे करें? आप अगर सृष्टि या सृष्टिकर्ता का पूरा अनुभव करना चाहते हैं, तो वह केवल इसी क्षण में संभव है। पर आप अधिकतर किसी और ही मायाजाल में उलझे रहते हैं। जब लोग कहते हैं कि सारा ब्रह्मांड ही ‘माया’ या ‘भ्रम’ है, तो वे वह कह रहे होते हैं, जो वे देख रहे होते हैं। आप का मन अस्तित्व को उस तरह से नहीं देखता जैसा वो है। यह उसे किसी ना किसी तरह से बिगाड़ कर भ्रम पैदा करके देखता है।
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