आनंदोत्सव
उत्सव क्या है? जब आनंद उपलब्ध होता है और उसे कहने का कोई उपाय नहीं मिलता तो उस असहाय अवस्था में उत्सव पैदा होता है।
![]() आचार्य रजनीश ओशो |
उत्सव, आनंद को भाषा में व्यक्त नहीं किया जा सकता, इसलिए पैदा होता है। नाच कर कोई कहता है! जो नहीं कहा जा सकता वाणी से, बांसुरी बजा कर कहता है। कृष्ण ने बांसुरी बजाई। नहीं कह सकता, नहीं बतला सकता, तो अपनी अलमस्ती से, अपने होने से उसके प्रमाण देता है वही उत्सव है। धार्मिंकता, सभ्यता और संस्कृति ही भारत की अनूठी पहचान है। इसी के कारण भारतीय सभ्यता दुनिया के अन्य देशों की सभ्यता से सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इसी धरती पर कृष्ण, राम और नानक, ने जन्म लेकर भारत की धरा को पावन किया है।
जो मनुष्य को मर्यादा, कर्तव्य और सत्य के मार्ग पर चलने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहे हैं। व्रत, त्यौहार और उत्सव हमारी संस्कृति की अद्वितीय पहचान हैं। वो पल हैं जो जीवन में खुशियों और उल्लास का संगीत भर देते हैं। आधुनिक मानव विकास की दौड़ में चकाचौंध व अत्यधिक कामकाजी होने के कारण खुशी व आनंद के पलों से वंचित होता जा रहा है, जिसे उत्सव आनंदित होने का बेहतर मौका प्रदान करते हैं।
भारतीय सनातन धर्म में सदैव त्यौहारों और उत्सवों का विशेष महत्त्व रहा है। पवरे के इसी क्रम में दीपों का त्यौहार आता है, जिसे दीपावली कहते हैं। देश भर में यह दिन बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है। हर जगह खुशियों ही खुशियों के दीपक जलाए जाते हैं। कहीं पर भी अंधेरे का नामोनिशान नहीं होता। चारों तरफ प्रकाश ही प्रकाश होता है। आनंद, खुशी और प्रकाश का ऐसा संगम हमें दीपावली के दिन ही देखने को मिलता है। लेकिन वास्तव में हमें इस पर्व का असीम आनंद तभी मिल सकता है जब हम इस दिन तमाम व्यसनों, जुआ और शराब जैसी बुराइयों से दूर रहकर उत्सव के आनंद में आनंदित होकर झूम उठें। ओशो कहते हैं-ज्योति जलाओ। भीतर दीये की ज्योति को उकसाओ।
बुझ नहीं गई है क्योंकि तुम्हें बोध हो रहा है कि जीवन व्यर्थ गया। किसे यह बोध हो रहा है? उस बोध का नाम ही ज्योति है। यह कौन तिलमिला गया है? कौन नींद से जाग उठा है? कौन-जिसका स्वप्न टूट गया है? इसी को पकड़ो। सम्हालो। इसी धीमी-सी उठती आवाज को सारा जीवन दो। इसी धीमी-सी जगमगाती लौ को पूरी ऊर्जा दो। और तुम्हारे भीतर प्रज्वलित अग्नि, जो तुम्हारे अहंकार को गलाएगी, तुम्हारे अंधकार को काटेगी, और तुम्हारे लिए परम प्रकाश का पथ बन जाएगी।
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