उत्तर प्रदेश : भारतीय आर्थिकी में महती भूमिका
भारतीय अर्थव्यवस्था भारत के 28 राज्य 8 केंद्रशासित प्रदेशों की आर्थिक क्षमता का प्रतिनिधित्व करती है। भारतीय अर्थव्यवस्था 3-7 ट्रिलियन डॉलर का स्तर पार कर चुकी है जिसमें 15.7% के योगदान के साथ महाराष्ट्र प्रथम स्थान पर है तथा 9.2% के योगदान के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है।
उत्तर प्रदेश : भारतीय आर्थिकी में महती भूमिका |
यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश राज्य आर्थिक दृष्टिकोण से देश की अर्थव्यवस्था को गति देने वाला बुलेट ट्रेन रूपी इंजन है।
उत्तर प्रदेश राज्य से देश की राजनीति का सीधा संबंध है क्योंकि लोक सभा में राज्यों में सर्वाधिक सीटें उत्तर प्रदेश की हैं परंतु 2017 से जब से प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनी है तब से देश की आर्थिक गतिविधियों के केंद्र में प्रदेश आ गया है। 2018 में यूपी इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन के साथ ही 2020 में 11वें डिफेंस एक्स्पो का सफल आयोजन राज्य में कराया गया। दिल्ली को छोड़ दिया जाए तो उत्तर प्रदेश में पहली बार किसी राज्य में डिफेंस एक्स्पो का आयोजन हुआ था। कोविड महामारी की आपदा के दौरान प्रधानमंत्री के आपदा में अवसर के मंत्र ने उत्तर प्रदेश को नई ऊर्जा से परिपूर्ण कर दिया। उत्तर प्रदेश सैनेटाइजर उत्पाद से लेकर सर्वाधिक कोविड वैक्सिनेशन करने वाला देश का पहला राज्य बना। 2023 में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुआ। 2024 में देश ने जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता की।
इस अवसर का लाभ उत्तर प्रदेश राज्य ने आर्थिक-सांस्कृतिक, दोनों दृष्टि से खूब उठाया। सांस्कृतिक शहरों वाराणसी, लखनऊ, आगरा जैसे शहरों में निवेशकों को निवेश के बेहतर विकल्प मिले तो पर्यटन, खानपान, लोक कलाओं और ओडीओपी योजना में शामिल उत्पादों को उपहारस्वरूप भेंट देकर निवेशकों का मन जीता तो वहीं प्रदेश के आर्थिक हब ग्रेटर नोएडा में सम्मेलन का आयोजन कर उत्तर प्रदेश की आर्थिक क्षमता से भी निवेशकों का परिचय कराया।
22 जनवरी, 2024 की तारीख पुन: उत्तर प्रदेश को देश के केंद्र में ला खड़ा करती है, मौका था भव्य राम मन्दिर के उद्घाटन का। संपूर्ण अयोध्या नगरी का कायाकल्प हो गया। सड़कों से लेकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक, रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैंड तक, सड़कों के चौड़ीकरण से लेकर, भव्य चौराहों के निर्माण तक, सीवर लाइन से लेकर बिजली की व्यवस्था तक, धार्मिंक स्थलों के कायाकल्प से लेकर, रोजगार, सुरक्षा, पर्यटन और स्वच्छता के क्षेत्र में, जो नये-नये कीर्तिमान रचे गए, उसका साक्ष्य प्रदेश की 24 करोड़ जनता बनी। असंख्य श्रद्धालु आज लाखों की संख्या में अयोध्या पहुंच रहे हैं, और देश के धार्मिंक पर्यटन को बढ़ावा देकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान सुनिश्चित करा रहे हैं।
आज प्रदेश अपने सु-शासन, जीरो टॉलरेंस ऑफ करप्शन तथा महिला सुरक्षा जैसे विषयों पर अपनी छवि को सकारात्मक कर चुका है, जिसका परिणाम है कि स्थल अवरुद्ध राज्य होने के बाद भी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना का संचालन हो या भारत की पहली फिल्म सिटी का निर्माण हो या प्रधानमंत्री मित्र योजना में शामिल 7 राज्यों में उत्तर प्रदेश का शामिल होना हो या सैमसंन कंपनी द्वारा विश्व की सबसे बड़ी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब का नोएडा में स्थापित होना हो, उत्तर प्रदेश सर्वोत्तम प्रदेश के नये परसेप्शन के साथ आगे बढ़ रहा है।
आज उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री के डिजिटल भारत के सपने को व्यावहारिक पटल पर स्वीकार्य बना रहा है। यूपी कृषि प्रधान तथा एमएसएमई प्रधान राज्य तो है ही वह दिन दूर नहीं जब यह सेवा प्रधान राज्य भी होगा। इसकी शुरुआत योगी सरकार द्वारा प्रदेश के 5 जिलों को ‘पंच प्राण’ के रूप में विकसित करने से हुई है। कानपुर को रोबोटिक्स व ड्रोन सिटी के रूप में, लखनऊ को आर्टििफशियल इंटेलिजेंस सिटी के रूप में, नोएडा को सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा सिटी के रूप में तथा वाराणसी, प्रयागराज को इंजीनियरिंग अनुसंधान व विकास सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है जो दर्शाता है कि वर्तमान-भविष्य में जिन सेवाओं, तकनीकों व अनुसंधानों की जरूरत होगी उनकी तैयारी के लिए प्रदेश ने कमर कस ली है।
आज उत्तर प्रदेश की पहचान निवेश फ्रेंडली, टूरिज्म फ्रेंडली, ूकनेक्टिविटी फ्रेंडली, महिला सुरक्षा फ्रेंडली स्टेट के रूप में हो चुकी है जिसके चलते प्रदेश आर्थिक महाशक्ति के रूप में अपना वर्चस्व स्थापित कर रहा है, जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण 2025-25 का प्रदेश सरकार का 7-36 लाख करोड़ रु पये का वार्षिक बजट है जो पूर्व की सपा सरकार के बजट का दोगुना तथा भारत के सभी राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है। 2016-17 में प्रदेश की जीडीपी 12-75 लाख करोड़ रुपये की थी जो 2024-25 में बढ़कर 25 लाख करोड़ रु पये के स्तर को पार कर चुकी है। उत्तर प्रदेश ने 5 वर्षो में अपनी जीडीपी को दो गुना कर लिया है, जो प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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