लखपति दीदी योजना : आर्थिक विकास का नया अध्याय

Last Updated 26 Sep 2024 01:28:12 PM IST

महिला सशक्तिकरण का मुद्दा देश में लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है, लेकिन इसके लिए ठोस प्रयास कम ही देखने को मिलते हैं।


इस संदर्भ में मोदी सरकार द्वारा 15 अगस्त, 2023 को शुरू की गई ‘लखपति दीदी योजना’ महत्त्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल ग्रामीण, बल्कि शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसके तहत महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने और उनकी आय में वृद्धि के प्रयास किए जा रहे हैं।   

लखपति दीदी योजना के माध्यम से महिलाओं को स्किल डवलपमेंट ट्रेनिंग देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है। लगभग 2 करोड़ महिलाओं को योजना के तहत ट्रेनिंग दी जा चुकी है, जिससे वे एलईडी बल्ब निर्माण, प्लंबिंग और ड्रोन रिपेयरिंग जैसे तकनीकी कार्यों में दक्ष हो रही हैं। योजना में स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं को विशेष लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत एक करोड़ से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं, और पिछले 100 दिनों में लगभग 11 लाख महिलाओं ने इसका लाभ उठाया है। बैंक सखी, कृषि सखी, पशु सखी और नमो ड्रोन दीदी जैसी पहलों के माध्यम से महिलाओं को रोजगार के नये अवसर मिल रहे हैं, तथा वे सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।

लखपति दीदी योजना के माध्यम से महिलाएं कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों में योगदान दे रही हैं। योजना के तहत कुटीर उद्योग, पोषण आहार, स्वच्छता अभियान और परिवहन जैसे क्षेत्रों में भी काम कर रही हैं। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए योजना के तहत सरकार ने 2500 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड और 5000 करोड़ रुपये का बैंक ऋण प्रदान किया है। देश भर में लगभग 92 लाख स्वयं सहायता समूहों में 10 करोड़ से अधिक महिलाएं शामिल हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

लखपति दीदी योजना के साथ-साथ मोदी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए अन्य योजनाओं की भी शुरुआत की है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान और ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के माध्यम से महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। ‘उज्ज्वला योजना’ के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली और उन्हें सुरक्षित ईधन का उपयोग करने का अवसर प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और जनधन योजना के तहत करोड़ों महिलाओं के खातों में सीधे वित्तीय सहायता पहुंचाई जा रही है। ‘जल जीवन मिशन’ जैसे प्रयासों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को नल से शुद्ध जल मिलना संभव हो गया है। इस पहल ने महिलाओं के जीवन को सरल और सुविधाजनक बनाया है, जिससे वे अधिक समय अपने विकास में लगा सकती हैं।   

महिला सशक्तिकरण की दिशा में खेलों का भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। ‘खेलो इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से भारत की बेटियों ने ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का गौरव बढ़ाया है। महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बेटियों के लिए सैनिक स्कूलों के दरवाजे भी खोले हैं, जिससे सेना में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। सेना में महिला अधिकारियों को उच्च पदों पर नियुक्ति और नई भर्ती के अवसर दिए जा रहे हैं। तीन तलाक के खिलाफ कानून बना कर मुस्लिम महिलाओं को नया अधिकार दिया गया है, जिससे उनका जीवन और भविष्य सुरक्षित हुआ है। महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में भी मोदी सरकार ने महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ इस बात का प्रमाण है कि सरकार महिलाओं को राजनीतिक अधिकार दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके माध्यम से महिलाओं को राजनीति में अधिक भागीदारी का अवसर मिलेगा जिससे वे राष्ट्र निर्माण में अपनी महती भूमिका निभा सकेंगी।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी भारतीय महिलाएं उल्लेखनीय योगदान दे रही हैं। स्टार्टअप से लेकर स्पेस तक, भारतीय महिलाओं ने अपने कार्यों से देश का मान बढ़ाया है। हाल के वर्षो में महिलाओं ने विज्ञान, तकनीकी और नवाचार के क्षेत्रों में अद्वितीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जो उनके सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक संकेत है। लखपति दीदी योजना और महिला सशक्तिकरण की अन्य योजनाएं भारत में महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही हैं। महिलाओं का सशक्तिकरण आर्थिक उन्नति तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और राष्ट्र की समृद्धि का आधार भी है। महिलाएं सशक्त होंगी, तो परिवार, समाज और राष्ट्र भी सशक्त होंगे। यही कारण है कि सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है, ताकि वे अपनी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग कर सकें।

सोनम लववंशी


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment