ऑनर किलिंग : समाज की कलंक कथा

Last Updated 29 Oct 2022 01:39:53 PM IST

इन दिनों बिहार से ऑनर किलिंग की कुछ घटनाएं संकीर्ण सोच, निष्ठुर बर्ताव की बानगी बन सामने आई हैं। भागलपुर की घटना में घरवालों के खिलाफ जाकर शादी करने पर भाई ने बहन की हत्या कर दी।


ऑनर किलिंग : समाज की कलंक कथा

कुछ  समय पहले अपनी मर्जी से शादी कर घर बसाने वाली इस बेटी को मां ने दीपावली पर घर बुलाया था।  पर्व पर घर आई  बहन को गोली मारकर सगे भाई ने ही उसकी जान ने ली है।

बिहार के ही  हाजीपुर में भी एक नाबालिग लड़की की  जान लेने की खौफनाक साजिश भी सामने आई है। लड़की का गांव के किसी युवक से प्रेम प्रसंग होने के चलते उसके पिता, मां, भाई और रिश्तेदार ने  मिल कर हत्या कर डाली।   इसी प्रांत के नवादा में भी एक लड़की को अपनी मर्जी से जीवनसाथी चुन लेने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। लड़की के भाई ने शादी के 5 साल बाद अपनी बहन को गोलियों से भून दिया। गौरतलब है कि शादी के बाद से ही  दोनों परिवारों के बीच तनातनी  के चलते लड़की अपने पति के साथ बाहर रहने चली गई थी। बीते दिनों दशहरे के अवसर पर दोनों अपने गांव आए थे। त्योहारी परिवेश में गांव की  एक दुकान से खरीदारी रही बहन पर भाई ने गोलियां बरसा दी। दरअसल, आन के नाम जान ले लेने की ये घटनाएं बर्बर और अमानवीय तो हैं ही सामाजिक और पारिवारिक सोच की बंधी-बंधाई स्थितियों से रूबरू करवाती हैं। 

समय के साथ जिन क्रूर और असभ्य घटनाओं पर लगाम लग जानी चाहिए थी, उनके आंकड़ों का बढ़ना वाकई तकलीफदेह है। घर बसाने के पांच साल बाद अपनी बहन की जान ले लेने के नवादा जैसे मामले को अप्रत्याशित आक्रोश का नतीजा भर भी नहीं कहा जा सकता है।  ऐसी घटनाएं स्पष्ट रूप से बताती हैं कि रूढ़िवादी सोच की पैठ  कितनी गहरी है।  गौरतलब है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में ऐसी घटनाएं होती रही हैं।  ऐसे में गिनती के दिनों में बिहार से सामने आए ऑनर किलिंग के कई वाकये वाकई हैरान परेशान करने वाले हैं। दरअसल, सम्मान बचाने के नाम होने वाली ऐसी क्रूरतापूर्ण घटनाएं शिक्षा और मानवीय समझ के हर मोर्चे पर सवाल उठाती हैं।

मर्जी से शादी करने वाले बच्चों के साथ मारपीट करना, तेजाब फेंक देना, जान ले लेना, गांव-घर से निकाल देना जैसे  वाकये दूरदराज के इलाकों में ही नहीं महानगरों तक में होते रहते हैं। कुछ साल पहले  मुंबई जैसे महानगर में हुए ऑनर किलिंग के बर्बर मामले में गर्भवती बेटी जब पिता के पैर छूने के लिए झुकी तो चाकू से वार कर उसकी जान ले ली गई है।  इसी प्रदेश के ओर मामले में अंतरजातीय विवाह का विरोध कर रहे घर वालों ने बेटी सहित दामाद को जिंदा जला दिया था। ऑनर किलिंग के ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं, जिनमें मर्जी से शादी कर लेने वाले लड़के-लड़की के परिवारजनों या रिश्तेदारों के साथ भी बर्बरता की गई है। 

नतीजतन आपराधिक मामलों की फेहरिस्त में इन घटनाओं का आंकड़ा वाकई भयावह है। 2019 के एनसीआरबी आंकड़ों के मुताबिक बीते कुछ बरसों मे देश भर में ऑनर किलिंग की घटनाओं में। गुना वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और फिर मध्य प्रदेश  में ऐसे मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं। आंकड़े बताते हैं कि देश भर में ऑनर किलिंग की घटना में 68 फीसद घटनाएं सिर्फ  उत्तर प्रदेश में ही होती है। वर्ष 2014 से 2016 के बीच देश में सम्मान के नाम पर हत्या के 356 मामलों की सूचना लोक सभा को दी गई थी।  

ध्यान देने वाली बात है कि इज्जत और प्रतिष्ठा के नाम पर बच्चों की जान लेने वाले  बहुत से मामले तो  रिपोर्ट तक नहीं किए जाते। एक ओर शिक्षा और जागरूकता का बढ़ता ग्राफ तो ओर दूसरी ओर बच्चों के स्वतंत्र अस्तित्व को स्वीकारने की सोच का नदारद होना है। अपने ही बच्चों के साथ दरिंदगी के हैरान-परेशन करने वाले ऑनर किलिंग के मामले बताते हैं कि सामाजिक-पारिवारिक ढांचे में आज भी बदलाव के नाम पर कुछ नहीं बदला है। हाजीपुर की घटना में सामने आया है कि बेटी के प्रेम-प्रसंग के चलते गांव वालों के तानों से परेशान घरवालों ने उसकी जान ले ली है। यानी हमारा समग्र समाज ही वैचारिक ठहराव और बाहरी बदलाव की विरोधाभासी प्रवृत्ति का शिकार है।

दूरदराज के गांवों में तो ऐसे अमानवीय आक्रोश को समाज की चुप्पी का भी साथ मिलता है। नतीजतन, ऐसी घटनाएं कानून और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। ऐसे मामलों को लेकर सर्वोच्च अदालत द्वारा भी अपनी टिप्पणी में कहा जा चुका है कि ‘इज्जत के नाम पर हो रही इन हत्याओं में कुछ भी सम्मानजनक नहीं है बल्कि ये बर्बर और शर्मनाक तरीके से की गई हत्या है।  अब इन बर्बर, सामंती प्रथाओं को खत्म करने का समय है, जो हमारे देश पर कलंक हैं।’ अफसोस कि आज भी अपनों का यह रक्तरंजित व्यवहार अपने ही बच्चों का जीना दुार कर रहा है।

डॉ. मोनिका शर्मा


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment