क्रिकेट : कोहली का विकल्प हैं रहाणे

Last Updated 03 Feb 2021 03:27:05 AM IST

इंडिया के ब्रिस्बेन टेस्ट को जीतकर ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट सीरीज जीतने को लेकर टीम के कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे की जमकर प्रशंसा हो रही है।


क्रिकेट : कोहली का विकल्प हैं रहाणे

इस दौरान इस चर्चा ने भी जन्म ले लिया है कि क्या विराट कोहली की जगह रहाणे को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बना देना चाहिए। चर्चा चलने की वजह विराट के एडिलेड टेस्ट में हारने और इस टेस्ट में टीम के 36 रन के न्यूनतम स्कोर पर आउट होना था। विराट इससे पहले  पिछले साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड से भी दो टेस्ट मैच हार गए थे। पर इस चर्चा के दौरान विराट की पिछली सफलताओं को एकदम से भुला दिया गया। वह देश के सफलतम कप्तान हैं।
इसमें कोई दो राय नहीं कि रहाणे ने जिन मुश्किल हालात में भारत को यह सीरीज जिताई, उससे उनकी नेतृत्व क्षमता की धाक जमना स्वाभाविक था। पहले टेस्ट में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद विराट पितृत्व अवकाश पर लौट आए थे और टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी चोटिल हो गए थे। यही नहीं, पूरी सीरीज के दौरान भारतीय टीम को चोटों की समस्या से जूझना पड़ा और ब्रिस्बेन में आखिरी टेस्ट में तो पूरी फिट एकादश उतारना भी मुश्किल हो गया था। इस स्थिति में कम अनुभव वाले खिलाड़ियों से उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कराने से रहाणे को टीम का नियमित टेस्ट कप्तान बनाने की चर्चा चली। पहला टेस्ट हारने के बाद मेलबर्न टेस्ट को जीतकर भारत के सीरीज में 1-1 से बराबरी पर आने के बाद सुनील गावस्कर ने कहा था, ‘रहाणे ने कप्तानी के दायित्व वाली पारी खेली। हर कोई उनकी कप्तानी की, फील्ड सजाने की और गेंदबाजी में बदलाव की तारीफ कर रहा है, और मैं भी इससे सहमत हूं। वह ठंडे दिमाग वाले कप्तान हैं’। उन्होंने कहा कि दोनों में यह अंतर है कि विराट ज्यादा उत्साही हैं, और भाव उनके चेहरे पर आ जाते हैं। वहीं रहाणे की बॉडी लैंग्वेज में आक्रामकता की कमी झलकती है, पर तकनीक में आक्रामकता भरपूर नजर आती है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग भी रहाणे की कप्तानी के अंदाज के प्रशंसक बन गए हैं। कहते हैं कि मेलबर्न टेस्ट में जिस तरह से रहाणे ने लेग गली लगा कर स्टीव स्मिथ, लबुशेन और टिम पेन के विकेट निकाले, यह उनकी कप्तानी के आक्रामक अंदाज को दर्शाता है।

हम सभी जानते हैं कि भारतीय टेस्ट टीम में विराट के कप्तान रहने के दौरान लंबे समय से रहाणे उपकप्तान हैं। इसलिए मौजूदा टीम को तैयार करने में विराट के साथ रहाणे का भी योगदान है। पर सही मायनों में यह विराट कोहली की ही टीम है। उन्होंने ही टीम के खिलाड़ियों जुझारूपन और आक्रामकता का पुट डाला है। इसके सहारे उन्होंने 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने के बाद से लेकर पिछली सीरीज के एडिलेड टेस्ट तक 56 टेस्ट में कप्तानी करके 33 में जीत पाकर, 13 में हारकर और 10 ड्रा खेलकर खुद को देश का सफलतम कप्तान बनाया है। टेस्ट मैचों में जीत के मामले में उनसे आगे दक्षिण अफ्रीका के ग्रेम स्मिथ (53), ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग (48) और वेस्ट इंडीज के क्लाइव लॉयड (36) ही हैं। विराट जिस तरह टीम इंडिया को सफलताएं दिलाते रहे हैं, उससे उनमें दुनिया के सफलतम कप्तान वाली छविश्व देखी जा रही है।
सही है कि रहाणे ने अब तक जब भी कप्तानी की जिम्मेदारी मिली, उसमें अपनी क्षमता को दिखाने में सफल रहे हैं। तीन साल पहले ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ धर्मशाला टेस्ट में उन्हें पहली बार टेस्ट में कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी गई और उन्होंने भारत को जीत दिला दी। इसके बाद अफगानिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक टेस्ट में भारत को जीत दिलाई। अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली सीरीज में तीन टेस्ट में कप्तानी करके भारत को दो जीत और एक ड्रा से खुद को अजेय बनाए रखा है। आप जब उन्हें मैदान में देखते हैं, तो वह बहुत शांतप्रिय खिलाड़ी दिखते हैं पर उनके खेल में चलने वाले दांवपेच उनकी इस छवि से एकदम उलट होते हैं। उनका फील्ड सजाने का अंदाज हो या फिर गेंदबाजी में बदलाव, उसमें आक्रामकता साफ नजर आती है। इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि अजिंक्य रहाणे ने मुश्किल हालात में शानदार परिणाम निकाल कर अपनी कप्तानी का लोहा मनवा दिया है पर अभी विराट कोहली की जगह उन्हें कप्तान बनाने का समय नहीं आया है। कुछ असफलताओं के बाद कप्तान बदलने की बात करना कतई उचित नहीं कहा जा सकता है। हां, इतना जरूर है कि हमारे पास विराट का विकल्प जरूर तैयार हो गया है।

मनोज चतुर्वेदी


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