आईपीएल : ज्यादा में बिकने वाले रह जाते हैं पीछे

Last Updated 23 Dec 2019 02:53:09 AM IST

क्रिकेट का सबसे छोटा प्रारूप यानी टी-20 हमेशा ही थोड़ा हैरत में डालने वाला होता है क्योंकि यह प्रारूप अप्रत्याशित परिणामों के लिए जाना जाता है।


आईपीएल : ज्यादा में बिकने वाले रह जाते हैं पीछे

इसकी वजह किसी भी टीम के एक-दो बल्लेबाजों के ताबड़तोड़ कर देने पर अक्सर परिणाम निकल आता है। आईपीएल भी इसी प्रारूप वाला है और इसकी हर साल होने वाली नीलामी थोड़ी चौंकाने वाली रहती है। यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस जैसा पेस गेंदबाज सबसे ज्यादा 15.5 करोड़ रुपये तक पा जाता है। इस सबके बावजूद आईपीएल हमेशा ही करोड़पति बनाने का मंच भी रहा है।
इस बार की नीलामी इससे कोई जुदा नहीं रही। इस बार उसने 17 वर्षीय यशस्वी जायसवाल (राजस्थान रॉयल्स-2.4 करोड़ रुपये), 19 वर्षीय रवि बिश्नोई (किंग्स इलेवन-2.00 करोड़ रुपये), प्रियम गर्ग (सनराइजर्स-1.9 करोड़ रुपये), 19 वर्षीय कार्तिक त्यागी (राजस्थान रॉयल्स-1.3 करोड़ रुपये) और विराट सिंह (सनराइजर्स-1.9 करोड़ रुपये) को करोड़पति बनाया है। यंग ब्रिगेड पर पैसों की बरसात किया जाना कोई नई बात नहीं है। 2018 के अंडर-19 विश्व कप में चैंपियन बनी भारतीय टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ, कमलेश नागरकोटी, शुभमन गिल सहित कई खिलाड़ियों को करोड़पति बना दिया गया। पर इनमें से कुछ ही अपनी चमक को बरकरार रख पाए हैं।

पृथ्वी शॉ की कप्तानी वाली टीम विश्व चैंपियन बनकर आई थी, इसलिए उसके खिलाड़ियों को करोड़पति बनाना समझ में आता है पर इस बार अंडर-19 विश्व कप में भाग लेने जा रही टीम के खिलाड़ियों पर करोड़ों की बारिश करने का लॉजिक समझ से परे जरूर है। हालांकि यह कोई नई बात नहीं है और हमेशा से ऐसा होता आ रहा है। यशस्वी और अंडर-19 भारतीय टीम के कप्तान प्रियम गर्ग को करोड़पति बनाने की बात फिर भी समझ में आती है क्योंकि वह इस साल विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे कम उम्र में दोहरा शतक जमाने वाले खिलाड़ी बने हैं। उन्होंने 154 गेंदों में 17 चौकों और 12 छक्कों से 203 रन बनाए थे। वहीं प्रियम गर्ग भी उत्तर प्रदेश के लिए शानदार प्रदर्शन करके अपनी छाप छोड़ चुके हैं। आईपीएल नीलामी में कई बार तो खिलाड़ी को इतनी बड़ी रकम मिल जाती है कि जिसका उस तक को भरोसा नहीं होता है। पिछले साल नीलामी में किंग्स इलेवन पंजाब ने अनकैप्ड स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को 8.40 करोड़ रुपये में खरीद लिया था। वह इतनी बड़ी धनराशि मिलने पर खुद हैरत में पड़ गए थे। वह सिर्फ एक मैच खेले और इसमें सुनील नरेन ने उनके एक ओवर में 25 रन ठोंक दिए थे और इसके बाद इस युवा क्रिकेटर को खेलने का मौका ही नहीं मिला। पर वरुण भाग्यशाली हैं, जो इस साल कोलकाता नाइट राइडर्स द्वारा चार करोड़ रुपए में खरीद लिये गए हैं। कई बार को खिलाड़ी ऊंची रकम पाने के बाद अगले ही साल एकदम से गिरा दिया जाता है। इस संबंध में केसी करियप्पा और नाथू सिंह के नाम लिये जा सकते हैं। करियप्पा को 2015 में केकेआर ने 2.40 करोड़ रुपए में खरीदा था पर अगले ही साल उनकी कीमत मात्र 80 लाख रुपये रह गई।  इसी तरह राजस्थान के पेस गेंदबाज नाथू सिंह को 2016 में मुंबई इंडियंस ने 3.20 करोड़ रुपये में खरीदा था। पर अगले ही साल वह 50 लाख रुपये पर जा गिरे। आईपीएल युवाओं को हीरो भी बनाती है और कई बार हीरो बनाने के बाद खिलाड़ी गुमनामी के अंधेरे में खो भी जाता है। आईपीएल से हीरो का दरजा पाने वाले खिलाड़ियों में ऋषभ पंत, संजू सैमसन, रविंद्र जडेजा और पृथ्वी शॉ के नाम लिये जा सकते हैं। पर कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं, जिन्हें पहले आईपीएल ने हीरो बनाया और फिर भुला भी दिया।
इसमें पहला नाम राजस्थान रॉयल्स के कामरान खान का आता है। शेन वार्न ने 2009 के सत्र में इस 140 किमी. की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले कामरान को 12 लाख रुपये में खरीदा था। उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए नौ मैच खेलकर नौ विकेट लिये। शेन वार्न ने इस खिलाड़ी को ‘टोरनेडो’ का नाम दिया। पर संदिग्ध एक्शन की शिकायत होने के बाद यह गेंदबाज एकदम से गायब हो गया। आईपीएल से बाहर होने के बाद आजमगढ़ के इस क्रिकेटर ने वापसी के लिए अपनी गेंदबाजी पर बहुत मेहनत की। पर वह कभी गुमनामी के अंधेरे से बाहर नहीं आ सका। इससे यह तो साबित होता है कि आईपीएल फ्रेंचाइजी किसी युवा क्रिकेटर पर दांव लगाकर उसके किस्मत के दरवाजे तो खोल सकती है। पर उस क्रिकेटर का चमकना खुद के प्रदर्शन और भाग्य पर निर्भर करता है। देखने वाली बात यह होगी कि इस साल करोड़पति बनाए गए युवाओं में से किसके भाग्य की लाटरी खुलती है?

मनोज चतुर्वेदी


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