वैश्विकी : तेवर काटते तलवार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर महाभियोग की तलवार लटक रही है, लेकिन उनके बागी तेवरों में काई कमी नहीं आई है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अमेरिका की राजनीति और समाज में विभाजन की खाई चौड़ी होती जा रही है।
वैश्विकी : तेवर काटते तलवार |
महाशक्ति का खिताब अमेरिका से अगले दशक में छिनने जा रहा है, और उसका स्थान चीन लेगा इस बात की प्रबल संभावना है। अब तक दुनिया का सव्रेसर्वा रहा अमेरिका नम्बर एक की हैसियत से बेदखल होने के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार नहीं है। इसी संक्रमणशील दौर में देश के अंदर विभिन्न नस्ली समूहों और आर्थिक वगरे में आपसी वैमनस्य बढ़ रहा है। मूलभूत मुद्दों पर देश में अब तक कायम मतैक्य नदारद है। दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों-रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी-के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा अब प्रतिशोध की राजनीति में बदल गई है।
ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव) में महाभियोग की कार्रवाई अंतिम चरण में है। क्रिसमस के पहले तक यह काम हो जाएगा। इस सदन में विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है, और वह राष्ट्रपति ट्रंप को कठघरे में खड़ा करने पर आमादा है। इसके पहले केवल दो राष्ट्रपतियों-एंड्र्यू जॉनसन और बिल क्लिंटन-पर महाभियोग लगाया गया था। राष्ट्रपति र्रिचड निक्सन ने महाभियोग चलाने से पहले इस्तीफा दे दिया था। सन् 1990 के दशक में बिल क्लिंटन को महाभियोग के आधार पर राष्ट्रपति पद से हटाने की कार्रवाई उच्च सदन सीनेट में नामंजूर कर दी गई थी। ट्रंप के मामले में भी ऐसा ही होने की संभावना है। सीनेट में ट्रंप के राजनीतिक दल रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। इस सदन में दो-तिहाई मतों के आधार पर ही महाभियोग को अंतिम अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है। सीनेट में संख्या बल अपने पक्ष में होने के कारण ही ट्रंप निचले सदन में चल रही महाभियोग की प्रक्रिया का उपहास उड़ा रहे हैं। उन्होंने इस सदन की न्यायिक समिति के सामने बचाव की जिरह से भी इंकार कर दिया है। अपने चिरपरिचित अंदाज में ट्रंप ने प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी से कहा कि संसद और अमेरिकी जनता के समय को बर्बाद न करें। महाभियोग की कार्रवाई सीनेट को सुपुर्द करें।
महाभियोग के पूरे मामले की पृष्ठभूमि यह है कि ट्रंप ने पूर्वी यूरोप के देश यूक्रेन के राष्ट्रपति पर दबाव डाला था कि वह पूर्व उपराष्ट्रपति जो वाइडेन और उनके पुत्र हंटर वाइडेन के खिलाफ जांच में तेजी लाएं। हंटर यूक्रेन में कारोबार करते हैं तथा उनके खिलाफ वहां जांच चल रही है। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं का आरोप है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने वाइडेन और उनके पुत्र को एक आपराधिक मामले में फंसाने के लिए यूक्रेन सरकार पर दबाव डाला। नेताओं को कथित रूप से यह धमकी दी कि यदि वाइडेन के खिलाफ जांच और कार्रवाई नहीं की गई तो अमेरिकी सहायता रोक दी जाएगी। विपक्षी दल का कहना है कि इस कृत्य से राष्ट्रपति ने अपने पद की मर्यादा के खिलाफ असंवैधानिक काम किया है।
ट्रंप समर्थक अमेरिकी विश्लेषकों का आरोप है कि वर्ष 2016 में जब से ट्रंप राष्ट्रपति बने हैं, उनके खिलाफ षड्यंत्र चल रहे हैं। देश की मीडिया तथा सत्ता प्रतिष्ठान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की छवि खराब करने और उनके अवमूल्यन में लगे हुए हैं। पहले ट्रंप पर यह आरोप लगाया गया कि चुनाव में उनकी जीत के पीछे रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन का हाथ है। अब यूक्रेन का मामला उठाया जा रहा है, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई उस समय शुरू हुई है, जब अगले साल ही चुनाव होना है। इस चुनाव में ट्रंप रिपब्लिकन के उम्मीदवार होंगे जबकि विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी से एक दर्जन से अधिक नेता दावेदार हैं। ट्रंप का कहना है कि उनके विरोधी उनका सामना करने के बजाय महाभियोग का नाटक रच रहे हैं पर वह इससे घबराने वाले नहीं हैं। वह अर्थव्यवस्था में सुधार सहित घरेलू मोच्रे पर अपनी अन्य उपलब्धियों के आधार पर जनादेश हासिल करेंगे।
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