विश्वविद्यालय शिक्षक बनने के लिए अब UG में 75% अंक जरूरी
देशभर के विश्वविद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए अब अंडरग्रेजुएशन में कम से कम 75 फीसद अंक अनिवार्य होगा। अभी तक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षक बनने के लिए ग्रेजुएट पास होना भर काफी था उसने किसी तरह के अंक की शर्त नहीं थी।
विश्वविद्यालय शिक्षक बनने के लिए अब UG में 75 फीसदी अंक जरूरी |
लेकिन यूजीसी ने विश्वविद्यालय में शिक्षक बनने के लिए बनाए नए रेगुलेशन में चार साल के अंडरग्रेजुएट कोर्स में 75 फीसद अंक होना अनिवार्य किया है। यदि शिक्षक बनने के लिए चार साल के अंडर ग्रेजुएशन में 75 फीसद अंक है और पीएचडी की डिग्री है तो बिना पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री के शिक्षक बनने योग्य होंगे।
यूजीसी के प्रस्तावित नए रेगुलेशन में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षक बनने की राह आसान की गई है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए तीन तरह की क्राइटेरिया बनाई गई है।
पहली क्राइटेरिया के तहत यदि किसी व्यक्ति के चार साल के अंडरग्रेजुएट डिग्री में 75% के साथ सीधे पीएचडी डिग्री है तो वो शिक्षक बनने योग्य है। यदि अंडर ग्रेजुएशन 75% नहीं है और पोस्ट ग्रेजुएशन में 55 फीसद अंक है और पीएचडी डिग्री है तो वो भी शिक्षक बनने योग्य है।
इसी प्रकार दूसरी क्राइटेरिया के अनुसार यदि आवेदक के पास पोस्ट ग्रेजुएशन में 55 फीसद है और यूजीसी नेट परीक्षा पास है तो वो शिक्षक बनने योग्य माना जाएगा। इसी प्रकार तीसरी क्राइटेरिया की बात करे तो आवेदक ने यदि 55 फीसद अंक के साथ मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग या मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमटेक) किया तो वो शिक्षक बनने का पात्र है।
खास बात ये है कि इंजीनियरिंग के छात्र के लिए पीएचडी और नेट की भी जरूरत नहीं होगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक अनिरूद्ध सुधांशु ने कहा कि नए अधिनियम में ढेर सारे छूट दिए गए है लेकिन साथ ही कुछ ऐसे बदलाव भी किए गए हैं, जो बहुत परेशानी का सबब बन सकते है।
पहले सिर्फ 55 प्रतिशत और स्नातकोत्तर के साथ नेट की परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य था। अब यदि इसमें स्नातक के नंबर भी जोड़े जाते है और वो भी 75 प्रतिशत का कैप लगा कर तो बहुत सारे लोग उच्च शिक्षा की तरफ नहीं जाएंगे।
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