अब हर तीन साल में DU कोर्सेज की होगी समीक्षा
दिल्ली विश्वविद्यालय समेत देशभर के विश्वविद्यालयों में मौजूदा समय में चल रहे पाठय़क्रमों को लेकर अब हर तीन साल पर समीक्षा की जाएगी.
(फाइल फोटो) |
यदि बदलते वक्त के साथ पाठय़क्रमों में बदलाव की जरूरत होगी तो उसमें बदलाव किये जाएंगे. इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश जारी किये हैं.
यूजीसी के सचिव प्रो जसपाल एस संधू ने विश्वविद्यालयों के कुलतियों को भेजे निर्देश में कहा है कि विश्वभर में शिक्षा के क्षेत्र में लगातार बदलाव होते हैं. हमें बदलते परिवेश को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्रदान करने की जरूरत है.
समाज की जरूरत व संस्कृति को ध्यान में रखते हुए पाठय़क्रमो में बदलाव करना लाजमी है. हाल में प्रधानमंत्री की शिक्षा व सामाजिक विकास विभाग के सचिवों के साथ एक बैठक हुई है.
इसमें यह सिफारिश की गई है कि विश्वविद्यालयों के सभी विभागों के पाठय़क्रमों में हर तीन साल में एक बार समीक्षा किये जाने की जरूरत है. पाठय़क्रमों में ऐसे बदलाव करने होंगे, जिससे विद्यार्थियों की कुशलता तो बढ़े ही साथ ही उन्हें रोजगार के भी अवसर उपलब्ध हों.
यूजीसी सचिव ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने की सलाह दी है. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में कुछ साल पहले पाठय़क्रमों में बदलाव के तहत तीन साल के स्नातक पाठय़क्रमों को चार साल का कर दिया गया था.
इसको लेकर विरोध के बाद स्नातक पाठय़क्रमों को फिर से तीन साल का कर दिया गया। इससे पूर्व स्नातक पाठयक्रमो में सेमेस्टर सिस्टम भी लाया गया. इसके अलावा च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लाया गया. जिसमें स्नातक का विद्यार्थी भले ही किसी भी कोर्स का हो, वह अपने चयन के हिसाब से कुछ पेपर्स ले सकता है.
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