इंडस्ट्री लीडर्स और एक्सपर्ट्स ने रविवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रेसिप्रोकल टैरिफ से स्मार्टफोन, कम्प्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स को छूट देना एक स्वागत योग्य कदम है। इससे चीन पर भारत को बढ़त मिलेगी।

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अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा विभाग के नोटिस के अनुसार, स्मार्टफोन और कंप्यूटर को ट्रंप द्वारा अधिकांश देशों पर लगाए गए 10 प्रतिशत वैश्विक टैरिफ तथा चीन द्वारा लगाए गए 145 प्रतिशत के टैरिफ से बाहर रखा जाएगा।
इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा, "अब कोई असाधारण व्यवधान नहीं होगा। यह क्षमताओं को बढ़ाने का समय है और चीन के खिलाफ लंबी अवधि में रुझान मजबूत रहेगा।"
चीन में बने आईफोन, लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टवॉच पर 20 प्रतिशत टैरिफ जारी रहेगा। केवल चीन पर रेसिप्रोकल टैरिफ हटाए गए हैं।
दूसरी ओर, रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट के बाद अब भारत की ओर से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले आईफोन, स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट पर टैरिफ जीरो हो गया है।
वियतनाम की ओर से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सभी सैमसंग (और अन्य) स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट पर भी "शून्य टैरिफ" है।
ऐसे में चीन के मुकाबले भारत और वियतनाम बेहतर स्थिति में हैं।
कस्टम नोटिस के अनुसार, अमेरिका में प्रवेश करने वाले या 5 अप्रैल से पहले गोदामों से निकाले जाने वाले उत्पादों पर यह छूट लागू होती है। छूट में सेमीकंडक्टर, सोलर सेल और मेमोरी कार्ड सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी शामिल किया गया है।
साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) के इंडस्ट्री रिसर्च ग्रुप के उपाध्यक्ष प्रभु राम ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ में छूट से ग्लोबल टेक्नोलॉजी क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी राहत है, जिससे उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर्स और हार्डवेयर पर दबाव कम होता है।
यह कदम टेक्नोलॉजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों, विशेषकर एप्पल, जो इस विवाद में फंस गई थी, के साथ-साथ व्यापक चिप और हार्डवेयर उद्योगों को भी राहत प्रदान करता है।
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