ICICI-Videocon ऋण धोखाधड़ी मामला : कोचर व धूत के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल

Last Updated 08 Apr 2023 01:53:50 PM IST

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ICICI-Videocon ऋण मामले में ICICI Bank की पूर्व एमडी और अध्यक्ष चंदा कोचर (Chanda Kochhar), उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) और वीडियोकॉन ग्रुप (Videocon Group) के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।


ICICI Bank की पूर्व एमडी और अध्यक्ष चंदा कोचर व पति दीपक कोचर (फाइल फोटो)

फिलहाल कोर्ट ने मामले का संज्ञान नहीं लिया है।

वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, वेणुगोपाल नंदलाल धूत, चंदा कोचर, दीपक वीरेंद्र कोचर, न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स लिमिटेड, सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड और अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ 22.1.2019 को आईपीसी की धारा 120-बी के साथ 420 आईपीसी और धारा 7 के साथ धारा 13(2) के साथ पठित पीसी अधिनियम की धारा 13(1)(डी) के तहत पहली बार मामला दर्ज किया गया था।

क्या है मामला

26 अगस्त, 2009 को, चंदा कोचर, एमडी की अध्यक्षता वाली एक स्वीकृति समिति ने वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (VIEL) को बैंक के नियमों और नीतियों के उल्लंघन में सह-आरोपी व्यक्तियों के साथ बेईमानी से लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके आपराधिक साजिश में 300 करोड़ रुपये का सावधि ऋण स्वीकृत किया। ऋण 7 सितंबर, 2009 को वितरित किया गया था और अगली तारीख 8 सितंबर, 2009 को, धूत, (एमडी वीडियोकॉन ग्रुप) ने अपनी कंपनी सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SEPL) के माध्यम से वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड से दीपक कोचर द्वारा प्रबंधित एनआरएल को 64 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए।

NRL को 24 दिसंबर, 2008 को शामिल किया गया था। धूत और उनके रिश्तेदार सौरभ धूत ने 15 जनवरी, 2009 को एनआरएल के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने से पहले वी एन धूत ने दीपक कोचर को 1997500 वारंट (इक्विटी में परिवर्तनीय) आवंटित किए।

5 जून, 2009 को वीएन धूत और दीपक कोचर के पास मौजूद एनआरएल के शेयर सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SEPL) को हस्तांतरित कर दिए गए।

एसईपीएल को 3 जुलाई, 2008 को वी.एन. धूत और उनके सहयोगी वसंत काकड़े के रूप में इसके निदेशकों के साथ शामिल किया गया था।

धूत ने 15 जनवरी, 2009 को एसईपीएल के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया और अपने शेयरों को दीपक कोचर द्वारा प्रबंधित पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट में स्थानांतरित कर दिया।

जून 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच, आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड से इन कंपनियों द्वारा लिए गए असुरक्षित ऋण को चुकाने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से वीडियोकॉन समूह की छह कंपनियों को 1875 करोड़ रुपये का सावधि ऋण स्वीकृत किया। चंदा कोचर के आईसीआईसीआई बैंक के एमडी और सीईओ के रूप में कार्यभार संभालने के बाद ये सभी ऋण मंजूर किए गए थे।

छह ऋणों में से, चंदा कोचर दो ऋणों यानी वीआईएल को 300 करोड़ रुपये का आरटीएल और वीआईएल को 750 करोड़ रुपये का आरटीएल में समिति सदस्यों में से एक थीं।

आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने बिना किसी औचित्य के स्काई एप्लायंस लिमिटेड और टेक्नो इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड के खातों में 50 करोड़ रुपये की एफडीआर के रूप में उपलब्ध सुरक्षा भी जारी कर दी थी।

26 अप्रैल, 2012 को, घरेलू ऋण के पुनर्वित्त के तहत आरटीएल को स्वीकृत 1730 करोड़ रुपये के आरटीएल में छह आरटीएल खातों के मौजूदा बकाया को समायोजित किया गया था। वीआईएल के खाते को 30 जून, 2017 को एनपीए घोषित कर दिया गया था।

खाते में वर्तमान बकाया 1033 करोड़ रुपये है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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