नई आबकारी नीति आने तक मौजूदा लाइसेंस नहीं होंगे रिन्यू
नई आबकारी पॉलिसी लागू होने तक शराब की दुकानों, क्लब और बार के लाइसेंस रिन्यू नहीं किए जाएंगे।
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सूत्रों की मानें तो दिल्ली सरकार पुराने तमाम लाइसेंस रद्द कर नए सिरे से लाइसेंस जारी करना चाहती है। साथ ही केवल उन्हीं होलसेल डिस्ट्रीब्यूटर्स को लाइसेंस देने की भी चर्चा है, जो अन्य राज्यों में बड़े स्तर पर शराब बेचते हों। सबसे बड़ा पेंच उस सिफारिश पर फंसा है, जिसमें शराब की दुकानें लॉटरी से आवंटित करने की अनुशंसा की गई है। तीन मंत्रियों की समिति नए सिरे से पॉलिसी की समीक्षा में जुट गई है। उधर, लिकर लॉबी में हड़कंप मचा हुआ है।
गौरतलब है कि बीते साल आबकारी आयुक्त रवि धवन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने नई आबकारी नीति का ड्राफ्ट तैयार किया था। जिसमें दिल्ली में कुल 720 शराब की दुकानें, मुंबई की 1190 और और बेंगलुरू की 1794 दुकानों की अपेक्षा बेहद कम बताई गई। कहा गया कि दिल्ली की आबादी और मांग को ध्यान में रखकर शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। कमेटी ने शराब की दुकानों के मौजूदा लाइसेंस रद्द कर नए सिरे से लाइसेंस जारी करने की सिफारिश भी की थी। जिससे लिकर लॉबी में हड़कंप मचा है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार के तीन मंत्रियों की समिति इनकी समीक्षा कर रही है। आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की समिति ने आबकारी विभाग से प्रत्येक निगम वार्ड और विधानसभा क्षेत्र में मौजूदा शराब की दुकानों की सूची तलब की है। चर्चा है कि नई नीति के तहत हर निगम वार्ड में कम से कम तीन दुकानें खोलने पर विचार हो रहा है। इतना ही नहीं तमाम रेस्टोरेंट, क्लब और बार के मौजूदा लाइसेंसों को लेकर भी उठापटक चल रही है। यही वजह है कि मौजूदा तमाम लाइसेंस रिन्यू करने पर भी रोक लगा दी गई है।
आबकारी उपायुक्त रणजीत सिंह कहते हैं कि नई आबकारी नीति की समीक्षा कर रही दिल्ली सरकार की मंत्रिमंडलीय समिति के निर्देश के बाद लाइसेंस रिन्यू करने पर रोक लगाई गई है। जब तक नई आबकारी नीति लागू नहीं होती, तब तक लाइसेंस रिन्यू नहीं होंगे।
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