आजादी की रात याद दिलाएगा GST लॉन्च, जानिए क्या-क्या होगा खास

Last Updated 20 Jun 2017 12:33:28 PM IST

केंद्र सरकार ने जीएसटी को लॉन्च करने के लिए खास अंदाज, वक्त और जगह को चुना है. ये चीजें इसलिए खास है क्योंकि जीएसटी की शुरुआत देश की आजादी की उद्घोषणा के कार्यक्रम की तर्ज पर होने जा रही है.


वित्त मंत्री अरूण जेटली

इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली की शुरुआत 30 जून की आधी रात को संसद के उसी ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में होगी जहां 15 अगस्त, 1947 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ऐतिहासिक भाषण ‘नियति के साथ मिलन’ दिया था.

स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े कर सुधार कहे जा रहे जीएसटी को लॉन्च करने के लिए आयोजित समारोह को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे.

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज बताया कि जीएसटी को 30 जून और 1 जुलाई की मध्य रात्रि से लागू किया जाएगा.

जीएसटी 01 जुलाई से लागू किया जाना है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज दिल्ली में बताया कि संसद के केंद्रीय कक्ष में 30 जून की आधी रात को समारोह का आयोजन होगा. इसमें मुखर्जी और मोदी के अलावा उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच डी देवगौड़ा भी हिस्सा लेंगे.

प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समारोह को संबोधित करेंगे.

जेटली ने कहा कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, जीएसटी परिषद और अधिकार प्राप्त समिति के सदस्यों तथा सभी सांसदों को आमंत्रण भेजा गया है. इनके अलावा जीएसटी परिषद और जीएसटी को मूर्त रूप देने में सहयोग करने वाले सभी लोगों को आमंत्रित किया गया है.
 
उन्होंने बताया कि केरल और जम्मू-कश्मीर के अलावा सभी राज्यों ने जीएसटी से जुड़े (राज्य जीएसटी) विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी है. केरल विधानसभा द्वारा इसी सप्ताह इसे पारित किये जाने की उम्मीद है.

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बताया पूरा कार्यक्रम...

  • जीएसटी का शुभारंभ कार्यक्म संसद के सेंट्रल हॉल में होगा. सांसदों, मुख्यमंत्रियों और राज्यों के वित्त मंत्रियों को आमंत्रित किया जा रहा है
  • राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एच. डी. देवेगौड़ा जीएसटी के शुभारंभ के समय मंच पर होंगे.
  • जीएसटी से मध्यम और दीर्घवधि में केंद्र और राज्यों का राजस्व बढ़ेगा. घोषित अर्थव्यवस्था का आकार भी विस्तृत होगा. थोड़े समय तक नयी व्यवस्था को अपनाने में कुछ चुनौतियां आ सकती हैं
  •  हम पहले से कहते आ रहें हैं कि जीएसटी पहली जुलाई से लागू कर दिया जाएगा, ऐसे में कोई यह कैसे कह सकता है कि वह तैयार नहीं है
  • जीएसटी में मुनाफाखोरी-रोधी प्रावधान डराने के लिए है, इसका तब तक इस्तेमाल करने का इरादा नहीं है जब तक कि इसकी मजबूरी हो जाए
     

 

भाषा


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