मायावती के हालिया फैसले का संदेश

Last Updated 04 Mar 2025 11:58:27 AM IST

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी सुप्रीमो मायावती के हालिया फैसले ने एक बार फिर उत्तर भारत की सबसे बड़े राजनीतिक पार्टी के साथ ही राष्ट्रीय राजनीति को सरगर्म कर दिया है।


फैसले का संदेश

मायावती ने सभी को चौंकाते हुए रविवार को भतीजे आकाश आनंद को एक बार फिर पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक (नेशनल कोआर्डिनेटर) समेत सभी पदों से हटाने का फैसला लिया है। साथ ही पार्टी प्रमुख ने अपने जीते-जी किसी को भी उत्तराधिकारी नहीं बनाने का सख्त निर्णय भी सुना दिया। स्वाभाविक है, मायावती के इस फैसले से न केवल उनकी पार्टी के लोगों को बल्कि राजनीतिक विश्लेषकों को भी अचरज में डाल दिया है।

आकाश पार्टी का युवा चेहरा हैं। हालांकि जिम्मेदारी के पद पर रहते हुए पार्टी का प्रदर्शन निचले स्तर का रहा। 2019 के लोक सभा चुनाव के बाद आकाश आनंद को बीएसपी का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया था, लेकिन पार्टी का प्रदर्शन बेहद फीका रहा। यहां तक कि पिछले महीने संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आकाश आनंद पार्टी के प्रभारी थे, लेकिन सीट जीतना तो दूर की बात है, वोट शेयर में भी गिरावट आई थी।

गौरतलब है कि मायावती ने आकाश को पहली बार राष्ट्रीय समन्वयक पद से नहीं हटाया है। पिछले साल लोक सभा चुनाव से पहले भी आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटा दिया था। हटाने का तर्क दिया गया था कि अभी उन्हें और परिपक्व होने की जरूरत है। मायावती के साथ एक नकारात्मक बात यह है कि वह कभी भी सड़क पर नहीं उतरती हैं। राजनीति की गहरी समझ रखने वाले और विपक्षी दलों के नेता भी यह मानते हैं कि अब खुल कर राजनीति करने के मायावती के दिन नहीं आने वाले।

खासकर भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख रखने के स्वभाव को मायावती ने बहुत पहले साइडलाइन कर रखा है। वह भाजपा के दबाव में है। बहरहाल, मायावती के फैसले के बाद आकाश की प्रतिक्रिया में ही भविष्य के संकेत निहित हैं।

आकाश का यह कहना कि ‘परीक्षा कठिन है और लड़ाई लंबी है’, इस बात को भलीभांति स्पष्ट करती दिखती है कि बसपा में अभी बहुत कुछ घटित होने वाला है। देखना है मायावती के हार्डकोर समर्थक पार्टी के लिए कितने फायदेमंद रहते हैं या पार्टी के अंदर का घमासान सतह पर आकर बसपा वोटर्स को असहज करते हैं।



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