बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों में सुरक्षा की गारंटी
पिछले कुछ महीनें में बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को अपवित्र करने व नुकसान पहुंचाने की कई घटनाएं संज्ञान में आई हैं।
सुरक्षा की गारंटी |
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने लिखित प्रश्न के उत्तर में राज्य सभा को यह बताया। मंत्री ने बताया भारत सरकार ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए हिंदुओं व सभी अल्पसंख्यकों तथा उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया है। इसमें अभी कुछ ही समय पहले ढाका के तांती बाजार में पूजा मंडप पर हमला व दुर्गा पूजा के दौरान जेशोरेरी काली मंदिर में चोरी का मामला भी शामिल है। बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था लचर है।
हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करने वाले तमाम समूह मुहम्मद युनूस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार बीस मिलियन धार्मिक अल्पसंख्यकों जिनमें हिंदुओं के साथ इसाई व बौद्ध भी शामिल हैं, की सुरक्षा की गारंटी मांग रहे हैं। हालांकि दिल्ली की तरफ से लगातार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व उनके साथ हो रहे अभद्र बर्ताव से बचने की बात की जा रही है।
बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय द्वारा भारत के बयानों को निराशाजनक व दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए हालात को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया जा चुका है। जबकि मोहम्मद युनूस के अंतरिम रूप से सरकार संभालने के बावजूद अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों में कमी नहीं आई।
माना जा रहा था कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद छोड़कर देश से भागने के बाद से चालू हुए ये हमले नई सरकार के सत्ता पर आते ही रोके जाएंगे, परंतु लगातार मस्जिदों समेत मंदिरों, चचरे, मठों में तोड़-फोड़ और लूट-पाट जैसी घटनाएं रोकी नहीं गई। जिस तरह सुरक्षा बल व सेना इस अराजकता की अनदेखी कर रही है, उसे देखते हुए आशंका व्यक्त की जानी लाजमी है कि कहीं-न-कहीं उपद्रवियों को सरकार का वरदहस्त प्राप्त है।
सियासी लाभ के लोभ में या बदले की भावना से किये जाने वाले ये हमले निश्चित रूप से बांग्लादेश की राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं। इसके मद्देनजर भारत ने पड़ोसी को शांति व सौहार्द से रहने की सलाह दी है, जिससे सभी अल्पसंख्यकों को हमेशा की तरह सुरक्षित रहने की गारंटी मिल सके।
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