उग्रवादियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का फैसला
मणिपुर में नये सिरे से हिंसा भड़कने के बाद केंद्र सरकार ने उग्रवादियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है।
|
इस क्रम में पहले केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त 20 कंपनियों को हवाई मार्ग से भेजा गया। इसके बाद बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय इस नतीजे पर पहुंचा कि मणिपुर में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है।
हिंसा और अराजकता पर नियंत्रण के लिए पांच जिलों के छह पुलिस थानों को अशांत घोषित करते हुए फिर से सशस्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) लागू कर दिया गया। पिछले वर्ष अप्रैल-मई में राज्य में हिंसा शुरू होने से ठीक पहले केंद्र सरकार ने सात जिलों के 19 पुलिस थानों से अफस्पा हटा लिया था।
जिन थानों में फिर से अफस्पा लागू किया गया है, उनमें इम्फाल पश्चिम जिले में सेकमाई और लमसांग, इम्फाल पूर्वी जिले में लमलाई, जिरीबाग जिले में जिरीबाग, कांगमोकपी में लीमाखोंग और विष्णुपुर में मोइरांग शामिल हैं।
अफस्पा अशांत क्षेत्रों तैनात सुरक्षा बलों को शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष अधिकार और संरक्षण देता है। अफस्पा की वापसी से जाहिर होता है कि डेढ़ साल से ज्यादा समय से जातीय हिंसा से ग्रसित मणिपुर की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।
सोमवार को जिरीबाग में उग्रवादियों और सीआरपीएफ के जवानों के बीच गोलीबारी में 20 उग्रवादी मारे गए थे। इस घटना का विशेष महत्त्व इसलिए है कि पहली बार उग्रवादियों और सीआरपीएफ के जवानों के बीच गोलीबारी और मुठभेड़ हुई। अब तक राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्र में केंद्रीय सुरक्षा बलों ने बहुत संयम से काम लिया है।
वास्तव में उग्रवादियों ने सीआरपीएफ की एक पोस्ट पर हमला किया था। इस मुठभेड़ के बाद उम्मीद थी कि उग्रवादियों के हौसले पस्त हो जाएंगे लेकिन हिंसा और बढ़ गई।
जातीय हिंसा के दौर में केंद्रीय सुरक्षा बलों को असामान्य परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। मैतेई समुदाय असम राइफल्स पर कुकी के प्रति पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगा रहा है तो कुकी दूसरे सुरक्षा बल पर पक्षपात करने का आरोप लगा रहे हैं।
मणिपुर में हिंसा पर नियंत्रण करने के लिए बनाए गए एकीकृत कमान को लेकर भी खींचतान है। इसके कारण मणिपुर पुलिस, असम राइफल्स, सीआरपीएफ और अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलोां के बीच ठीक तरह से समन्वय नहीं हो पा रहा है।
राज्य में शांति बहाली न होने की एक बड़ी वजह यह हो सकती है। मणिपुर सीमावर्ती राज्य होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार राज्य में शांति बहाल करने के उपायों पर गंभीरता से विचार-विमर्श कर रही होगी।
Tweet |