घरेलू हिंसा अधिनियम पर ऐतिहासिक फैसला

Last Updated 28 Sep 2024 01:22:16 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा अधिनियम पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण कानून 2005, नागरिक संहिता है जो भारत में हर महिला पर लागू होता है।


चाहे उस महिला की धार्मिक संबद्धता और सामाजिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो। शीर्ष अदालत ने भरण-पोषण और मुआवजा देने से संबंधित मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपील पर फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता महिला ने अधिनियम की धारा 12 के तहत अपील की थी जिसके पति को फरवरी, 2015 में बारह हजार रुपये मासिक और एक लाख रुपये मुआवजा देने के निर्देश दिए थे।

पति की अधिनियम 25 के तहत इस आदेश में परिवर्तन की अपील को खारिज कर दिया गया था। महिला के हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर उसकी याचिका खारिज कर दी गई। मजिस्ट्रेट को पति के आवेदन पर विचार करने को कहा गया। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए मजिस्ट्रेट को परिस्थितियों में बदलाव के कारण संतुष्ट होना होगा जिसके लिए परिवर्तन, संशोधन का आदेश पारित करने की आवश्यकता है।

साथ ही, यह भी कहा कि पीड़ित अधिनियम के प्रावधानों के तहत आदेश में परिवर्तन, संशोधन या निरस्तीकरण की मांग कर सकता है। अपने समाज में घरेलू हिंसा से बहुत महिलाएं जूझती हैं। उनके साथ न सिर्फ नियंत्रणकारी बर्ताव होता है, बल्कि पति मार-कूट, जानलेवा हमले तक करते हैं। दैहिक -यौन, भावनात्मक-मनोवैज्ञानिक र्दुव्‍यवहार से त्रस्त होने के बाद ही कोई स्त्री न्याय की गुहार लगाती है। याचिककर्ता नौ सालों से अपने कानूनी अधिकार के लिए अदालती चक्कर लगा रही है।

यहां सवाल केवल आदेशित भरण-पोषण राशि में वृद्धि या कमी का नहीं है, बल्कि यह देश की किसी भी महिला नागरिक को उसके हकों से वंचित करना भी है। चूंकि सरकारें अपने मुनाफे के लोभ में समुदायों या पृष्ठभूमि के आधार पर महिलाओं के भरण-पोषण और मुआवजे संबंधी कानूनों में पेंचीदगियां उत्पन्न करती रही हैं।

हर महिला को यह अधिकार देकर अदालत ने घरेलू हिंसा कानून को पारदर्शी बनाने के साथ ही दूरगामी सकारात्मक परिणामों के लिए पैमाना तय कर दिया। परिवार अदालतें भी घरेलू हिंसा के मामले में इसका प्रयोग कर महिलाओं को उनका हक दिला सकेंगी। दरअसल, महिलाओं के भरण-पोषण संबंधी पेचीदे कानूनों का कार्यान्वयन अच्छे से न हो पाने से महिलाओं का संत्रास बढ़ा है।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment