खानपान की वस्तुओं में मिलावट पर कठोर कार्रवाई के निर्देश
खान -पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट या गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं।
कोताही पर एक्शन |
उन्होंने कहा, जूस, दाल, रोटी जैसी खाने-पीने की चीजों में मानव अपशिष्ट या गंदी चीजों की मिलावट देखने में आ रही है। ये घटनाएं आम जन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। योगी ने कहा कि ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किए जा सकते। राज्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने की आवश्यकता है।
खान-पान प्रतिष्ठानों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर आदि के नाम-पता प्रमुखता से डिस्प्ले करने की भी बात की। इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में आवश्यकतानुसार संशोधन के साथ ही खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई की जाएगी।
ऐसा कड़ा निर्णय लेने के पीछे खाने-पीने की चीजों में मूत्र मिलाने या थूकने जैसी कई घटनाएं भी शामिल हैं। लोगों ने इनकी वीडियो रिकार्डिग की जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर वायरल की, उन पर आम जन ने भय, आक्रोश और गुस्सा व्यक्त किया। दरअसल, खाने-पीने के पदाथरे की शुद्धता और पवित्रता सुनिश्चित करने के प्रति संबंधित खाद्य सुरक्षा-मानक अधिनियमों के तहत संबंधित महकमे अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन उचित ढंग से नहीं करते। उन्हें जवाबदेह बनाना सरकार का काम है।
कुछ ही दिन पहले नामी ब्रांडों के सब्जी मसालों के बंदपैक में हो रही मिलावट का बड़े पैमाने पर खुलासा हुआ था। उस पर जिस तरह की कार्रवाई होने की आवश्यकता थी, वह नहीं हुई। मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्ती करने को व्यवस्था और संबंधित विभागों को जैसा मुस्तैद रहना चाहिए, वैसा वे नहीं रहते।
अपने यहां ठेली, खोमचे या झाबे में रख कर खाद्य पदार्थ खूब बेचे जाते हैं जिनकी जांच कभी नहीं होती। सीसीटीवी और बैठने की व्यवस्था भी सभी विक्रेता नहीं कर सकते। अपमिश्रण या अखाद्य की मिलावट जागरूक नागरिकों की पहल द्वारा सामने आई है, जिसमें सरकारी महकमा असफल है। कोरी बयानबाजी की बजाय अपनी जिम्मेदारी निभाने में कोताही करने वालों पर भी कड़ाई से एक्शन किया जाए। इस पहल से उम्मीद की जा सकती कि देशवासियों को सेहत संबंधी बढ़ती जा रहीं दिक्कतों से निजात मिल सकेगी।
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