हॉकी और जेवलिन थ्रो में आए कांस्य और रजत पदकों से खुशी का माहौल
हॉकी और जेवलिन थ्रो में आए कांस्य और रजत पदकों के आने पर देश में एक बार फिर खुशी का माहौल बन गया है। असल में विनेश फोगाट के फाइनल में पहुंचने के बाद अयोग्य होने से देश सदमे की स्थिति में पहुंच गया है।
हॉकी और जेवलिन थ्रो में आए कांस्य और रजत पदकों से खुशी का माहौल |
यह सच है कि हाकी का पदक देशवासियों में एक अलग ही ऊर्जा पैदा करता है। इसकी वजह इस खेल में दशकों तक भारत की बादशाहत बना रहना है। इसकी वजह से ही देशवासी हाकी को दिलो-जान से चाहते हैं।
भारत टोक्यो ओलंपिक में जब 41 साल बाद ओलंपिक हाकी में कांस्य पदक जीतकर पोडियम पर चढ़ा था, तो उसने टीम और देश को भावुक बनाया था, लेकिन इस बार पोडियम पर चढ़ने ने भरोसा बनाया है कि अब हम बिग लीग वाली टीमों में शामिल ही नहीं हुए हैं बल्कि किसी भी टीम को हरा सकने का माद्दा रखते हैं।
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कांस्य पदक जीतने के बाद जो कहा, वह इसकी ही तस्दीक करती है। उन्होंने कहा कि लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक जीतना हमारे लिए बहुत बड़ा पल है पर हमें सोने का तमगा नहीं जीत पाने का अफसोस है। इस बात में दम भी है।
भारत ने ग्रुप मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम को हराया और क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को फतह किया। जर्मनी के खिलाफ यदि कुछ गलतियां नहीं होतीं तो फाइनल तो खेल ही रहे होते। जहां तक बात नीरज चोपड़ा की है तो उनके स्वर्ण के बजाय रजत जीतने में उनके प्रयासों में कमी का नतीजा ना होकर नदीम अशरफ के असाधारण प्रदर्शन का नतीजा है। सही मायनों में एक बार नदीम के 92.97 मीटर की थ्रो करने के बाद सभी ने मान लिया था कि गोल्ड तो गया।
हालांकि नीरज ने 89.45 मीटर का सीजन का बेस्ट प्रदर्शन किया। नीरज चोपड़ा लगातार दो ओलंपिक में स्वर्ण और रजत जीतने वाले भारत के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। हाकी के कांस्य और नीरज के रजत से देश में खुशियां जरूर आई हैं पर पिछले ओलंपिक से भी खराब प्रदर्शन करके एक रजत और चार कांस्य पदक जीतना अच्छा प्रदर्शन तो कतई नहीं है।
इसमें विनेश का पदक और जुड़ सकता है। इतना जरूर है कि विनेश यदि सोने का तमगा ले आतीं तो प्रदर्शन पिछली बार से बेहतर हो सकता था। यह जरूर है कि हमारे चार पांच खिलाड़ी बहुत ही मामूली अंतर से पिछड़कर चौथे स्थान पर रहे और वह पदक से वंचित हो गए। पर इससे लगता है कि खिलाड़ियों की मानसिक मजबूती पर काम करने की जरूरत है। इस क्षेत्र में काम करके प्रदर्शन को सुधारा जा सकता है।
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