मौसम से लड़ना सीखें

Last Updated 21 May 2024 01:19:32 PM IST

देश के विभिन्न इलाकों में भीषण गरमी पड़ने से लोग परेशान हैं। दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब व उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर 46-47 डिग्री तक पारा चला गया।


मौसम से लड़ना सीखें

मौसम विभाग द्वारा अगले पांच दिनों तक लू चलने तथा भीषण गरमी पड़ने का अनुमान जताया है। हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाके में भी गरमी बढ़ रही है। गुजरात के तटीय इलाकों में गर्मी और उमस बढ़ गई है। दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।

उप्र, बिहार व गुजरात ऑरेंज अलर्ट में हैं। ‘कोढ़ में खाज’ यह कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक भी खराब हो गया है। कार्बन डाईऑक्साइड यानी प्रदूषण बढ़ने से भी मौसम में शुष्कता बढ़ती जाती है। साथ ही राजस्थान से आने वाली हवाएं अभी दिल्ली को और भी झुलसाएंगी। अल नीनो तथा मजबूत सोलर आइसोलेसन के चलते तापमान लगातार बढ़ रहा है।

वैज्ञानिकों के अनुसार अलनीनो इफेक्ट मध्य व पूर्वी प्रशांत महासागर का तापमान सामान्य से बहुत ज्यादा हो जाता है। भीषण गरमी से जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो जाता है। हालांकि बच्चों, बुजुगरे व बीमारों का ऐसे में विशेष ख्याल रखने को कहा जाता है, परंतु मौसम की इस मार से सतर्क रहने के हर किसी को प्रयास करने चाहिए।

इस भीषण गरमी के चलते लोगों को हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। लू के चलते पेट संबंधी गड़बियां, तेज ज्वर, उल्टी-दस्त आम समस्या हैं।

काम के चलते लोगों को मजबूरी में घरों से बाहर निकलना ही पड़ता है। ऐसे में विशेषज्ञों की राय है कि वे खुद को अच्छी तरह लपेट कर, सिर को ढक कर और ढेर सारा पानी पीकर ही निकलें। लस्सी, शकिंजी, छाछ पीने तथा तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी खूब खाने की सलाह भी दी जा रही है।

कुल मिलाकर आम आदमी के लिए मौसम की मार से बचना लगभग नामुमकिन है। हालांकि ये विपदाएं प्राकृतिक हैं, इनसे सभी को जूझना है। मगर सरकारें चाहें तो दफ्तरों व सरकारी विभागों के काम के समय में परिवर्तन कर सकती हैं।

जो या जहां संभव हो, घर से काम की व्यवस्था लागू हो। साथ ही निजी कंपनियों व बाजार को निर्देश जारी कर भोर व देर रात काम की व्यवस्था का आदेश जारी कर सकती हैं। मौसम के अनुरूप व्यवस्था करने के लिए धन से अधिक नैतिक संबल व संवेदनशीलता की जरूरत है।



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