स्वाति मालीवाल पर हमले का मामला गंभीर है
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास के भीतर सांसद स्वाति मालीवाल से हुई कथित मारपीट के मामले में आरोपी बिभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने पांच दिन की हिरासत में ले लिया।
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बिभव कुमार मुख्यमंत्री के निजी सचिव हैं जिन पर मालीवाल ने मार-पिटाई करने और अभद्रतापूर्वक पेश आने संबंधी एफआईआर दर्ज कराई है। इसके बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम आदमी पार्टी को खत्म करने का इरादा बनाया है। इसलिए ऑप्रेशन जाड़ू चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके तहत आप के बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। इसके बाद बैंक अकाउंट फ्रीज किए जाएंगे। पार्टी का दफ्तर खाली जाएगा और हमें सड़कों पर लाया जाएगा। उन्होंने भाजपा मुख्यालय जाकर सभी की गिरफ्तारी देने की बात भी की।
केजरीवाल पहले ही दावा कर चुके हैं कि आप सांसद राघव चड्ढा और दिल्ली सरकार में मंत्री अतिशी सिंह और सौरभ भारद्वाज को वे जेल भेजेंगे। इस बीच, दिल्ली पुलिस लगातार स्वाति मालीवाल के आरोपों के मामले की जांच कर रही है। उनका आरोप है कि बिभव सहयोग नहीं कर रहे हैं।
जबकि बिभव ने कहा है कि हिरासत में लिए जाने से पूर्व ही वह खुद भी मालीवाल के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करवा चुके हैं और इस बाबत पुलिस को तमाम साक्ष्य भी मुहैय्या करा चुके हैं। भाजपा कार्यालय की तरफ गए आप नेताओं में से किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।
अलत्ता, कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में जरूर लिया गया लेकिन कुछ ही मिनटों में उन्हें छोड़ भी दिया गया। इसने केजरीवाल की राजनीतिक दूरंदेशी का सार्वजनिक तौर पर मखौल बना दिया।
अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है कि केंद्र सरकार यह सब दिल्ली में होने वाले मतदान के पूर्व दिल्ली सरकार की छवि बिगाड़ने के लिए कर रही है। भाजपा इस मामले पर केजरीवाल की चुप्पी को लेकर लगातार प्रहार कर रही है। कुल मिला कर सारा प्रकरण लोगों का लोक सभा चुनाव के प्रति ध्यान भंग करने वाला ज्यादा साबित हो रहा है।
यह गंभीर मसला है, इसको लेकर जिस तरह आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं, उनकी जितनी निंदा की जाए, कम है। यकीनन महिला के सम्मान के खिलाफ इस प्रकार का कृत्य, यदि वास्तव में हुआ है, बेहद निंदनीय है। मामले की जांच शुरू हो चुकी है, अब अदालत ही इस सब के पीछे के राज खोलेगी। तब तक घटना का राजनीतिकरण करने से बचा जाए।
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