Uttarkashi tunnel collapse: बचाव में तेजी लाएं
Uttarkashi tunnel collapse: यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निमार्णाधीन सुरंग के ढहने से उसके भीतर फंसे मजदूरों को निकालने का बचाव अभियान जारी है। बहुत उम्मीदों के साथ दिल्ली से भेजी गयी भारी अमरीकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग चालू की गयी मगर उसके खराब होने पर काम रुक गया।
बचाव में तेजी लाएं |
दिल्ली से विशेष पार्ट्स तत्काल मंगवाने पड़े। जो उन्हें लाने वाले हरक्यूलिस विमान से काफी मशक्कत के बाद निकाले जा सके। भारतीय विशेषज्ञों समेत इसमें नाव्रे व थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद ली जा रही है। स्टील के विशाल पाइपों द्वारा विशेष एस्केप टनल से इन मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा।
इससे पहले मलबे की ड्रिलिंग के चलते ताजा भूस्खलन होने व मिट्टी गिरने के कारण बचाव कार्य रोकना पड़ा था। उत्तर काशी जिले में सिल्क्यारा से डंडालगांव तक चार धाम ऑलवेदर परियोजना के तहत बन रही सुरंग का यह हिस्सा रविवार की सुबह धंस गया था। इसके मुहाने से लगभग 200 मीटर भीतर तक मलबा भर गया। बचाव कार्य के दरम्यान ही मजदूरों के लिए पाइप के जरिए पानी, खाने की सामग्री व ऑक्सीजन की सप्लाई चालूा की गयी।
उन्हें बिजली व दवाएं भी उपलब्ध करायी जा रही हैं और लगातार संवाद बनाये रखने के प्रयास जारी हैं। भीतर फंसे श्रमिकों ने वॉकी-टॉकी व पर्चियों के जरिए बताया कि वहां बेहद गर्मी है। सांस लेने में हो रही दिक्कतों के चलते ऑक्सीजन की मांग की। परेशान परिजनों से भी उनकी बात करायी गयी क्योंकि लोग हंगामा कर रहे हैं और पुलिस से उनकी झड़पें भी हुई। फंसे मजदूरों में से अमूमन अन्य प्रदेशों के बाशिंदे हैं, उत्तराखंड निवासी केवल एक बताया जा रहा है।
जाहिर है, उनके परिजन भी आस-पास नहीं हैं। वे लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं। सरकार अब उस बचाव दल से संपर्क में है, जिसने थाईलैंड में पानी से भरी गुफा से दो हफ्तों बाद 12 बच्चों को सुरक्षित निकालने का काम किया था। उनके बचाव में शासन-प्रशासन सभी पूरी मुस्तैदी से दिन-रात जुटे हैं।
पूरा देश टकटकी लगाकर इस बचाव कार्य को देख रहा है। बड़े निर्माणों में जोखिम हमेशा रहता है। खासकर जब वे पहाड़ों, गहरे पानी के भीतर या जमीन में बहुत नीचे कार्यरत हों। श्रमिकों के जीवन व सुरक्षा को लेकर किसी तरह की खामियां नहीं बरती जानी चाहिए। व्यवस्था में हुई कोताही के लिए जिम्मेदार लोगों या निर्माण कंपनी को संदेह का लाभ कतई नहीं देना चाहिए।
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