मोइत्रा की बढ़ीं मुश्किलें

Last Updated 11 Nov 2023 09:08:07 AM IST

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की सांसदी जाना लगभग तय है। पैसों के बदले सवालों के आरोपों से घिरी इस सांसद पर आचार समिति की रपट को बहुमत से स्वीकार किया गया। अब इस पर लोक सभा की सहमति से निर्णय लिया जाएगा।


मोइत्रा की बढ़ीं मुश्किलें

समिति के छह सदस्यों ने इसका समर्थन किया, जबकि चार ने विरोध किया है। आचार समिति द्वारा दो बार सुनवाई की गई। हालांकि ड्रॉफ्ट रिपोर्ट तैयार करने के बाद बुलाई गई बैठक में पंद्रह में से दस सदस्य ही मौजूद थे। इसलिए बहुमत के आधार पर पांच सौ पन्नों की रपट बनाई गई, जिसमें मामले से जुड़े तथ्यों के तौर पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे व वकील जय अनंत देहाद्राई से किए गए तमाम सवालों के जवाब शामिल होने की उम्मीद है।

उन्होंने मोइत्रा के आचरण को आपत्तिजनक व अनैतिक बताते हुए सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की। मोइत्रा ने किसी भी तरह के आर्थिक लाभ का इनकार करते हुए, पहले सीबीआई को अडानी समूह पर कथित कोयला घोटाले पर एफआरआई दर्ज करने को कहा।

यह दावा भी किया कि यदि उनकी सांसदी जाती है तो वह अगले लोक सभा चुनाव में बड़े अंतर के साथ जीत कर आएंगी। यह मामला ऐसे समय उछला है, जब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी चालू है। मोइत्रा तेजतर्रार छवि वाली पढ़ी-लिखीं संसद सदस्य हैं। हालांकि वे कई दफा विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहती हैं, परंतु उनकी जैसी प्रबुद्ध व युवा स्त्रियों के संसद तक पहुंचने के सार्थक संदेश समाज भर में जाते हैं। बड़ा वर्ग यह भी तोहमत लगाता है कि विपक्षी दल की सदस्य होने के नाते उन्हें निशाने पर रखा गया।

अलबत्ता उनकी खुद की पार्टी इस पर मुंह मोड़ती नजर आई। कुछ दिनों पहले टीएमसी के राज्य सभा सदस्य डेरिक ओ ब्रायन ने कहा था कि इस विवाद पर समिति के अंतिम निर्णय के उपरांत ही दल अपना मत रखेगा। दूसरे, समिति के सभी सदस्यों की अनुपस्थिति संदेह उपजाती है। जिन पर राय रखने की अनिवार्यता जारी की जा सकती थी। संसद की गरिमा व प्रतिष्ठा को लेकर किसी तरह का समझौता किया जाना उचित तो नहीं कहा जा सकता मगर आने वाले चुनाव मोइत्रा का भविष्य तय करने की जिम्मेदारी निभाने वाले साबित होंगे, इसमें कोई संदेह नहीं हो सकता। 



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