Ernakulam Blast: खतरे की आहट
केरल के एर्नाकुलम में ईसाई समुदाय के एक सम्मेलन केंद्र में रविवार सुबह हुए धमाके भारतीय राज्य व्यवस्था की सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करने वाले हैं।
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इन धमाकों के कई नकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं जो केरल और उसके आसपास के राज्यों के सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले साबित हो सकते हैं। इसलिए इस कांड के मास्टरमाइंड को बेनकाब करना जरूरी है।
ईसाइयों की इस प्रार्थना सभा में हुए धमाकों में अब तक दो महिलाओं सहित तीन लोगों की मौत हो गई है और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।
इन धमाकों का सबसे हैरान करने वाला पहलू यह है कि ईसाइयों के ‘यहोवा विटनेस’ संप्रदाय का सदस्य होने का दावा करने वाले व्यक्ति ने विस्फोटों की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश पोस्ट किया। उसने इस संदेश में कहा कि मैं सोलह साल तक इस संप्रदाय का सदस्य रहा। मैंने महसूस किया कि यह संप्रदाय देशद्रोही है और गलत शिक्षाएं देता है। डोमोनिक मार्टिन नामक इस शख्स ने त्रिचुर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। यह विडंबना ही है कि केरल देश का सबसे अधिक शिक्षित राज्य है, लेकिन यहां के मुस्लिम संप्रदाय के एक वर्ग में तेजी से कट्टरता का जहर फैल रहा है।
इसकी प्रतिक्रिया दूसरे समुदायों में होनी स्वाभाविक है। यहां का ईसाई समुदाय भी राजनीति में अपनी भागादारी बढ़ाना चाहता है। दशकों से यहां वैचारिक रूप से परस्पर विरोधी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं के बीच खूनी संघर्ष जारी है। विभिन्न धार्मिक और राजनीतिक समूहों के बीच वर्चस्व की लड़ाई हिंसा और खून-खराबे में तब्दील हो जाती है।
केरल दो दिन पहले इस वजह से भी चर्चा में रहा है कि हमास के एक कार्यक्रम को वचरुअली संबोधित किया था। भारत फिलिस्तीन के लोगों के न्यायसंगत अधिकारों की वकालत करता है, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि विदेशों में होने वाले किसी भी संघर्ष का परोक्ष या अपरोक्ष प्रभाव भारतीय जनजीवन पर पड़े। भारत ने अपनी पुरानी नीति को दोहराया है कि वह इस क्षेत्र में इस्रइल और फिलिस्तीन के दो स्वतंत्र और संप्रभु देश का समर्थक है, लेकिन हमास जैसे आतंकी संगठन का भारत किसी भी सूरत में समर्थन नहीं कर सकता।
केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे इस मामले की गंभीरता से जांच करे और धमाकों को अंजाम देने वालों का पता लगाकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
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