शादी-शुदा जोड़े को सुरक्षा

Last Updated 28 Oct 2023 01:28:55 PM IST

अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार और संवैधानिक रूप से संरक्षित है। दिल्ली हाईकोर्ट ने यह कहा, परिवार के सदस्य भी ऐसे संबंध में आपत्ति नहीं कर सकते।


शादी-शुदा जोड़े को सुरक्षा

अदालत ने एक जोड़े को शादी के बाद मिल रही धमकियों का सामना करने के लिए पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश भी दिया। अदालत ने कहा याचिकाकर्ताओं को अपनी पसंद के शख्स से शादी करने का अधिकार है, उसे किसी भी तरह कमजोर नहीं किया जा सकता। उनके बालिग होने में कोई संदेह नहीं है। जोड़े के अनुसार उन्होंने अपने माता-पिता की इच्छा के खिलाफ शादी की थी। अदलत ने सरकार से जोड़े को सुरक्षा देने को कहा साथ ही जोड़े से कहा कि वे जांच अधिकारी को अपने आवासीय पते के साथ कार्यस्थल का भी पता बताएं।

घर या दफ्तर बदलने पर क्षेत्रीय थाने को सूचित करें, जो वर्तमान आदेश का अक्षरश: पालन करेगा। अपने समाज में अभी भी पसंद की शादी करना जोड़ों के लिए मुश्किल है। अव्वल तो परिवार इसके लिए राजी नहीं होते। उस पर कई दफा वे दबंगई पर उतारू हो जाते हैं। अपनी मर्जी का जीवन साथी चुनने वाले जोड़ों को जान से मारने वाले परिवारों की खबरें आती रहती हैं। बेटियों को इज्जत के नाम पर शिकंजे कसने की मानसिकता के चलते परिवार उनकी पसंद की उपेक्षा करते हैं।

वे धमकियां ही नहीं देते बल्कि यह जानते हुए भी कि-अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का अधिकार हर वयस्क को है-रिश्ता तोड़ने का दबाव भी बनाते रहते हैं। शादी/विवाह को लेकर अपने यहां परिवार सिर्फ संजीदा ही नहीं रहते बल्कि यह उनकी आन का मसला ज्यादा होता है। अभी भी अपने यहां जाति-बिरादरी यानी ऊंच-नीच का भेदभाव जारी है।

सामाजिक व आर्थिक हैसियत के मार्फत रिश्ते बारीकी से तौले जाते हैं। तमाम सामाजिक बदलावों के बावजूद अपने यहां अभी भी इने-गिने प्रेम विवाह होते हैं। युवाओं का बड़ा वर्ग भी इसी दबाव में प्रेम विवाह को अरेंज मैरिज द्वारा करने को ही प्राथमिकता देता है। कुल मिलाकर विवाह को अभी भी निजी अधिकार व संवैधानिक रूप से संरक्षित स्वीकारने के दायरे में लाने को जेहनी तौर पर राजी नहीं हैं। ऐसे हर जोड़े को सुरक्षा देना नामुमकिन है इसलिए इस तरह के अभिाभवकों को सजा भी दी जानी जरूरी हैं।



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