China के विस्तारवादी हौंसले बढ़ने से खतरे में ताइवान

Last Updated 13 Apr 2023 11:00:50 AM IST

चीन (China) के विस्तारवादी हौसले बढ़ते ही जा रहे हैं और लगता है उसकी इस हसरत का स्वशासित ताइवान (Taiwan) ताजा शिकार होने जा रहा है।


खतरे में ताइवान

अपने छोटे पड़ोसी देश के चारों ओर तीन दिवसीय व्यापक युद्धाभ्यास के बाद चीनी सेना ने घोषणा कर दी है कि वह लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार है। चीन का आक्रामक बयान अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी (Kevin Mccarthy) और ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन (Taiwan's President Tsai Ing-wen) की मुलाकात के तुरंत बाद आया है। चीन की सेना ने पहले ही कह दिया था कि उसका ‘जॉइंट स्वॉर्ड’ युद्धाभ्यास लड़ाई की तैयारी के लिए की रही गश्त है और ताइवान को चेतावनी (Warning to Taiwan) है।

चीन (China) का कहना है कि हमारे सैनिक लड़ने के लिए तैयार हैं और किसी भी समय ताइवान की स्वतंत्रता (Taiwan independence) के किसी भी रूप को पूरी तरह से नष्ट करने और विदेशी हस्तक्षेप के प्रयास को रोकने के लिए दृढतापूर्वक संकल्पित हैं। ताजा ‘जॉइंट स्वॉर्ड’ युद्धाभ्यास पिछले अगस्त में चीन द्वारा किए गए उन अभ्यासों के ही समान था, जब अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के खिलाफ उसने ताइवान के आसपास समुद्र में लक्ष्यों पर मिसाइल हमले शुरू किए थे।

हालांकि हमले छोटे थे। चीन की यह कार्रवाई ऐसे समय की गई जब उसके आक्रामक रवैये के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन की मेजबानी की। लगता है अमेरिका भी ताइवान को बढ़ावा देकर चीन को उकसाने का काम कर रहा है। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बाइडन प्रशासन के इस रुख को फिर दोहराया है कि राष्ट्रपति साई का अमेरिका आना किसी नियम का उल्लंघन नहीं है।

इसका सैन्य कार्रवाई के जरिए जवाब देने का कोई मतलब नहीं बनता। चीन ने साई की अमेरिकी यात्रा से जुड़े लोगों के खिलाफ यात्रा तथा वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं और सैन्य गतिविधियों में वृद्धि कर दी है। प्रतीत होता है कि चीन सैन्याभ्यास करने के लिए अमेरिका और ताइवान में मेलजोल बढ़ने को युद्ध का बहाना बनाना चाहता है। चीन ताइवान को अपने क्षेत्र का हिस्सा बताता है, जबकि ताइवान का कहना है कि यह स्वशासित द्वीप संप्रभु राष्ट्र है और चीन का हिस्सा नहीं है। फिलहाल, ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव चरम पर है।

समयलाइव डेस्क


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