शर्मनाक हार
अभी कुछ ही दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया से उसके घर में टेस्ट सीरीज जीतकर लौटी टीम इंडिया को शहंशाह माना जा रहा था पर रूट की अगुआई वाली इंग्लैंड ने पहले ही टेस्ट में पटकनी देकर टीम की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शर्मनाक हार |
इंग्लैंड टीम श्रीलंका में सीरीज जीतकर पूरी तैयारी के साथ आई थी और हम उसकी क्षमता का सही से आकलन करने में असफल रहे। यह मानकर चला जा रहा था कि चेन्नई के चेपक मैदान पर स्पिन गेंदबाजों का दबदबा रहने वाला है और इंग्लैंड के दोनों ही स्पिनर डॉम बेस और जैक लीच अनुभवहीन हैं और हमारे स्पिनरों के आगे उनका टिकना मुश्किल होगा। इस सोच के चलते भारतीय बल्लेबाजों ने खराब शॉट खेलकर विकेट खोया और यह जोड़ी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाने वाली साबित हुई।
हां, हम टीम का भी सही चयन नहीं कर सके। अक्षर पटेल के अनफिट हो जाने पर लेफ्ट ऑर्म स्पिनर के तौर पर शाहबाज नदीम को खिलाने का फैसला कारगर नहीं हो सका। वहीं बल्लेबाजी मजबूत करने के लिए वाशिंगटन सुंदर को खिलाया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि गेंदबाजी में रविचंद्रन अिन को जिस मदद की जरूरत थी, वह इन दोनों स्पिनरों से नहीं मिल सकी और इसके परिणामस्वरूप इंग्लैंड पहली पारी में साढ़े पांच सौ से ज्यादा का स्कोर खड़र करके दबाव बनाने में सफल हो गई। कुलदीप यादव को खिलाया जाता तो हालात ज्यादा बेहतर हो सकते थे। अब सवाल यह है कि वह यदि खेलने लायक नहीं हैं तो काफी समय से उन्हें क्यों ढोया जा रहा है?
माना जा रहा है कि वह कलाई वाले स्पिनर हैं, जो रूट सेना के लिए मुश्किल बन सकते थे। भारत में टॉस की भूमिका हमेशा अहम रहती है, क्योंकि टॉस जीतने वाली टीम के पहले बल्लेबाजी करने पर पहले दो दिन विकेट अच्छा होने का फायदा मिल जाता है और आखिरी तीन दिन गेंदबाजों के रहते हैं। पर हम अपने घर में खेल रहे हैं और इन सभी बातों को अच्छे से जानते हैं, इसलिए टॉस हारने पर एक अलग रणनीति होनी चाहिए थी। वैसे भारतीय टीम ने तमाम बार सीरीज में वापसी की है, इसलिए यह उम्मीद इस बार भी बनी हुई है। हां, इतना जरूर है कि भारत यदि सीरीज हारता है तो विराट की कप्तानी पर सवाल खड़े होने लगेंगे, क्योंकि वह पहले ही लगातार चौथा टेस्ट हारे हैं।
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