बड़ी साजिश तो नहीं

Last Updated 01 Feb 2021 01:13:00 AM IST

राजधानी दिल्ली के अतिसुरक्षित लुटियंस जोन इलाके में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित इजरायली दूतावास के पास बम धमाका वाकई हैरान और चिंतित करने वाली घटना है।


बड़ी साजिश तो नहीं

अभी तक की तफ्तीश में धमाके के तार ईश्वरान से भी जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। गौरतलब है कि मामले की जांच मामले में आइबी व स्पेशल सेल कर रही है। साथ ही दुनिया की सबसे मजबूत इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद से भी आइबी व स्पेशल सेल मदद ले रही है। धमाके के लिए 29 जनवरी को शाम 5 बजकर 5 मिनट का समय चुना गया, क्योंकि 29 जनवरी को भारत-इजरायल की कूटनीतिक दोस्ती को भी 29 साल पूरे हो गए हैं।

बेहद सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में इस तरह की वारदात को अंजाम देने के पीछे निश्चित तौर पर किसी बड़ी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। धमाका छोटा भले था मगर इसका संदेश बड़ा है, जिसकी तस्दीक सुरक्षा और गुप्तचर एजेंसियां भी कर रहीं हैं। वैसे स्पेशल सेल का अभी भी यह दावा करना कि यह कोई आतंकी वारदात नहीं थी, क्या सच माना जा सकता है।

क्या बम धमाके सिर्फ सनसनी फैलाने के लिहाज से किसी शरारती तत्वों की साजिश का हिस्सा है या किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के पहले का र्हिसल? ठीक है कि इस घटना में महज कुछ कारों के शीशे टूटे हों मगर क्या यह खुफिया एजेंसियों की नाकामी नहीं है? अगर इसी से मिलता-जुलता धमाका अगर भीड़भाड़ वाले इलाकों में होता तो परिणाम कितना हाहाकारी होता, इसकी कल्पना ही की जा सकती है। यह भी सुरक्षा एजेंसियों को पता है कि 29 जनवरी का दिन क्यों महत्त्वपूर्ण है, फिर भी ऐसी चूक अक्षम्य मानी जाएगी। हालांकि अब इन सब बातों को परे रखकर हर दृष्टिकोण से जांच की जानी चाहिए।

अगर किसी आतंकवादी संगठन का हाथ इसमें पाया जाता है तो उसके गुनहगारों को सींखचों के पीछे डालना होगा। यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबक हैं। आगे से ऐसा कुछ भी नहीं हो, इसके वास्ते हरसंभव उपाय करने होंगे। अच्छी बात है कि राजनयिक स्तर पर भारत और इजरायल ने एक-दूसरे पर भरोसा जताया है और मिलकर इस नापाक हरकत का पर्दाफाश करने के लिए कदमताल कर रहे हैं। भारत और इजरायल आतंकवाद का वर्षो से सामना कर रहे हैं। इस नाते समग्र रूप से एक ठोस नीति भी बनाने का वक्त है।



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