भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री के संन्यास लेने के फैसले से, भारतीय खेमे में उदासी छायी उदासी
सुनील छेत्री भारतीय फुटबॉल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वो एकमात्र ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं जिनकी तुलना मेसी और रोनाल्डो जैसे दिग्गज फुटबाल स्टारों से की जाती है। अब, जब उन्होंने संन्यास का फैसला लिया है तो भारतीय खेमे में उदासी छा गई है।
सुनील छेत्री और गुरप्रीत संधू |
यह एक ऐसा समय है जब फुटबॉल जगत में भारतीय टीम ने नाम कमाना शुरू ही किया था।
इस खेल में गुरप्रीत सिंह संधू और सुनील छेत्री मौजूदा भारतीय फुटबॉल टीम के स्तंभ हैं। कप्तान की अंतर्राष्ट्रीय सर्किट से संन्यास लेने की इमोशनल घोषणा के बाद, अब गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने भी अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "यह वो चीज है जिसे वो कभी नहीं देखना चाहते थे।"
सुनील छेत्री के इस शानदार सफर में संधू भी उनके साथ रहे हैं। 2011 में गोलकीपर के रूप में राष्ट्रीय टीम में बुलाए जाने के बाद से दोनों एक साथ फुटबॉल खेल रहे हैं और 2018 से बेंगलुरु एफसी टीम का हिस्सा भी हैं।
संधू ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया, "ऐसा होते हुए कभी नहीं देखना चाहता था, काश मैं आपकी सोच बदलने के लिए कुछ कर पाता, लेकिन मैं यह भी समझता हूं कि ऐसा क्यों हो रहा है भाई। पूरे देश को 6 जून को आपके अंतर्राष्ट्रीय करियर का जश्न उसी तरह से मनाने की जरूरत है, जिसके आप हकदार हैं।
छेत्री आखिरी बार 6 जून को फीफा विश्व कप क्वालीफायर में कुवैत के खिलाफ देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए मैदान में उतरेंगे।
अगर भारत को अगले दौर के लिए क्वालीफाई करना है और अपने सपने को जिंदा रखना है तो यह मैच जीतना बहुत जरूरी है।
भारत के सर्वकालिक अग्रणी शीर्ष स्कोरर छेत्री ने एक वीडियो में कहा, "अपने पिछले 19 वर्षों के सफर को याद करना शानदार था। यह मेरे कर्तव्य, दबाव और अपार खुशी का एक बहुत अच्छा संयोजन है। मैंने व्यक्तिगत रूप से कभी नहीं सोचा था कि मैं देश के लिए इतने सारे मैच खेलूंगा।''
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